दिव्यांग बच्चों के लिए सरकार नहीं देता पूरा फंड्स स्कूल समिति को खुद जुटाना पड़ता है फंड्स- विजय बंसल
पंचकूला 15 जनवरी
पंचकूला सेक्टर 16 स्थित मूक, बघिर दिव्यांग बच्चों के लिए चलाया जा रहा हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति के मिडिल स्कूल को बंद कर दिया गया था जिससे मजबूरन अभिभावको को अपने दिव्यांग नन्हे नन्हे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए करनाल, हिसार, गुडगांव के सरकारी स्कूलों में भेजने को मजबूर थे या अधिक पैसा खर्च कर चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने को मजबूर हो गए थे।
इसी विषय पर शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय बंसल एडवोकेट ने हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं राज्यपाल और उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री सहित संबंधित विभाग अधिकारियों को गत 19 जनवरी 2024 को ज्ञापन पत्र लिखकर पंचकूला सेक्टर 16 के बंद किया गए मिडिल स्कूल को दोबारा से खोलने की मांग की थी साथ ही जिला पंचकूला के रायपुर रानी में हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति के प्राइमरी स्कूल को अपग्रेड करने की मांग की थी।
विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति के विभागीय सूत्रों के अनुसार पंचकूला के स्कूल को दोबारा से खोल दिया गया है और रायपुर रानी के स्कूल को अपग्रेड करने की प्रक्रिया आरंभ करती है जिससे पंचकूला के उपरोक्त दिव्यांग बच्चों को लाभ मिलेगा।
इसके अलावा विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों की तर्ज पर हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति के स्कूलों के बच्चों के लिए स्कूल ड्रेस, किताबें, कॉपियां और आंगनवाड़ी की तर्ज पर खाना निशुल्क महिया करवाने और इसके लिए समिति को पर्याप्त फंड्स जारी करने की मांग भी की है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा उपरोक्त स्कूलों के लिए बेहद कम फंड्स जारी किए जाते हैं बच्चों की जरूरत के लिए हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति को बाकी का फंड्स खुद ही जुटाना पड़ता है जिस कारण जरूरतमंद बच्चों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाती। विजय बंसल ने कहा कि हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति के उपरोक्त सरकारी स्कूलों में गरीब घरों के दिव्यांग बच्चे ही पढ़ने आते हैं इन जरूरतमंदों को कॉपियां, किताबें, ड्रेस और खाना निशुल्क दिया जाना अति आवश्यक है। विजय बंसल ने बताया कि हरियाणा में हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति के कुल 7 स्कूल है जिनमें लगभग 1000 बच्चे पढ़ते हैं।
इसके अलावा विजय बंसल ने मुख्यमंत्री से उपरोक्त स्कूलों की सभी खस्ताहाल इमारत के पुनरुद्धार करने की मांग भी की है। खस्ता हाल इमारत के मरम्मत के लिए भी फंड्स जारी करने की मांग की है।
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया गत वर्ष उन्होंने राज्यपाल मुख्यमंत्री सहित संबंधित विभाग को ज्ञापन पत्र लिखकर बताया था कि हरियाणा श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति पंचकूला द्वारा सेक्टर 16 और रायपुररानी में स्थित दिव्यांग बच्चों के स्कूल सहित हरियाणा के हिसार, करनाल और गुड़गांव सहित प्रदेश में कुल 7 स्कूल चलाए जा रहे थे लेकिन अब पंचकूला का स्कूल बंद किए जाने से पंचकूला के नन्हे दिव्यांग बच्चों को या तो करनाल जाना पड़ रहा है या चंडीगढ़ के महंगे स्कूल में जाना पड़ रहा है। पंचकूला जिला शिवालिक क्षेत्र में अधिकतर लोग आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं वह मुश्किल से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इसलिए अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को दूर के स्कूल या अधिक पैसा खर्च कर चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने में सक्षम नहीं है अतः दिव्यांग बच्चे अशिक्षित ना रह जाए इसलिए पंचकूला के मिडिल स्कूल को पुनः खोला जाए और रायपुर रानी के दिव्यांग बच्चों के पांचवी के स्कूल को अपग्रेड कर मिडिल स्कूल बनाया जाए ताकि पांचवी से आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए रायपुर रानी के ग्रामीण बच्चों को करनाल ना जाना पड़े।
विजय बंसल ने बताया कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण विभाग ने दिव्यांग बच्चों का स्कूल खोलने के उद्देश्य से पंचकूला सेक्टर 16 में जमीन दी थी तब हरियाणा सरकार ने हरियाणा श्रवण और वाणी निशक्तजन कल्याण समिति पंचकूला ने वर्ष 2004 में सेक्टर 16 पंचकूला में दिव्यांग बच्चों के लिए पांचवी तक का स्कूल खोला था इसके बाद वर्ष 2015 में सरकार ने स्कूल को अपग्रेड कर आठवीं कक्षा तक कर दिया था और यहां पर कक्षा सातवीं तक के बच्चे आने भी शुरू हो गए थे। परंतु समिति के मुख्यालय द्वारा स्कूल को वर्ष 2018 में पुनः इसका दर्जा घटाकर पांचवी तक का स्कूल कर दिया था।
इतना ही नहीं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की नियम एवं शर्तों को दरकिनार करते हुए और गत 30 सितंबर 2021 को इस स्कूल के टीचर्स का ट्रांसफर कर स्कूल को बंद कर दिया था जिससे दिव्यांग बच्चों और उनके अभिभावकों को बहुत परेशानी हुई और उनके बच्चों की पढ़ाई भी बंद हो गई थी।
बंसल ने बताया कि जबकि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा केवल स्कूल के लिए जमीन आवंटित की गई थी उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि यहां पर स्कूल के सिवाय कोई और कार्य नहीं किया जा सकता परंतु श्रवण समिति द्वारा जहां पर अपना मुख्यालय बनाया गया और तो और स्कूल बंद कर यहां पर बीएड, डीएड के प्रोफेशनल कोर्स तक शुरू कर दिए गए थे। जबकि डीएड और बीएड के कोर्स अन्य संस्थाओं में भी चलाए जा सकते थे और यह प्रोफेशनल कोर्स प्रदेश के कई अन्य संस्थानों में चलाए जा रहे हैं लेकिन दिव्यांग बच्चों के लिए लगभग 150 किलोमीटर के दायरे में यही एकमात्र मिडिल स्कूल है।
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