नई दिल्ली, 24 अक्तूबर: एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने वीरवार को जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में पांच अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर (ओटी) का लोकार्पण किया। इसके साथ ही 259 बेड क्षमता वाले ट्रॉमा सेंटर में ओटी की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। हालांकि, हाइब्रिड ओटी के लिए एक से दो साल तक और इंतजार करना पड़ेगा।
इस अवसर पर ट्रामा सेंटर के चीफ डॉ. कामरान फारुख ने बताया कि फिलहाल, यहां पांच रूटीन ओटी और एक रेड जोन ओटी के जरिये 1200 से 1500 गंभीर मरीजों की सर्जरी की जा रही हैं। पांच नए ओटी शुरु होने के बाद यह संख्या बढ़कर 2500 मासिक सर्जरी तक पहुंच सकती है। उन्होंने बताया कि नव निर्मित ओटी कॉम्प्लेक्स दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के जीवन की रक्षा के लिए वरदान साबित हो सकता है। चूंकि यहां मरीज की सर्जरी के लिए आवश्यक तमाम उन्नत व आधुनिक उपकरणों के साथ सीटी स्कैन और एंजियो सुईट की सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध है। जिससे हेड इंजरी से पीड़ित मरीज को गोल्डन आवर के दौरान समयबद्ध इलाज मिल सकेगा।
अंग प्रत्यारोपण और इम्प्लांट सर्जरी में होगी आसानी
डॉ फारुख ने कहा, हाइब्रिड ओटी एक परिकल्पना है, जिसे पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि अगले एक से दो वर्ष में एम्स का ट्रॉमा सेंटर हाइब्रिड ओटी का संचालन करता नजर आएगा। इस ओटी से अंग प्रत्यारोपण के साथ हार्ट, ऑर्थो व न्यूरो संबंधी इम्प्लांट सर्जरी करने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि नए मॉड्यूलर ओटी को रोगी देखभाल और चिकित्सा प्रशिक्षण दोनों के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए लेमिनर फ्लो एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगाया गया है। जबकि दीवारों और फर्श पर सीमलेस पैनल लगाए गए हैं। जिनमें धूल, मिट्टी एवं पानी जमा नहीं होता, रोगाणु उत्पन्न नहीं होते और संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता।
एंजियो सूट में रोका जा सकेगा भारी रक्तस्राव
डॉ फारुख ने बताया कि अधिकांश घायलों की मौत सिर या पेट की चोट से होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हो जाती है जिसे रोकने के लिए मरीज को तुरंत एंजियो सूट में ले जाया जा सकेगा। वहां रेडियोलॉजिस्ट मरीज को एम्बोलाइज करके उसका रक्तस्राव बंद कर सकेंगे। नए मॉड्यूलर ओटी को रोगी देखभाल और चिकित्सा प्रशिक्षण दोनों के लिए डिजाइन किया गया है। यहां की गई सर्जरी अब वास्तविक समय में एम्स के प्रदर्शन कक्षों और व्याख्यान कक्षों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसारित की जा सकती है, जिससे मेडिकल छात्रों और पेशेवरों को उन्नत शिक्षण की सुविधा मिल सकेगी। 72 वर्ग मीटर का एक ऑपरेशन थिएटर रेडियो सेफ है और ओ-आर्म इन्ट्रा-ऑफ सीटी के लिए उपयुक्त है।