Delhi: दिल्ली में देहव्यापार का घिनौना खेल, पहाड़गंज के होटलों में चल रहा था ‘कॉल पर फूड डिलीवरी’ की तरह कॉल गर्ल डिलीवरी रैकेट

Delhi: दिल्ली में देहव्यापार का घिनौना खेल, पहाड़गंज के होटलों में चल रहा था ‘कॉल पर फूड डिलीवरी’ की तरह कॉल गर्ल डिलीवरी रैकेट
रिपोर्ट: रवि डालमिया
दिल्ली पुलिस की छापेमारी में बड़ा खुलासा, 22 लड़कियां महिला सेक्स रैकेट चलाने और महिला तस्करी करने वाले 7 लोग गिरफ्तार। दिल्ली के पहाड़गंज में देहव्यापार के एक बड़े रैकेट का सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जहां लड़कियों को ऑर्डर पर होटलों में पहुंचाया जा रहा था। जीमेटो और स्विगी की फूड डिलीवरी की तर्ज पर यह कारोबार संचालित हो रहा था, जिसमें डिलीवरी बॉय स्कूटी पर लड़कियों को होटलों तक पहुंचाकर वापस लाने का काम कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने इस घिनौने धंधे का पर्दाफाश किया। पुलिस को सूचना मिली थी कि पहाड़गंज के कुछ होटलों और मकानों में लड़कियों को जबरन रखकर देहव्यापार के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस आधार पर पुलिस ने चूना मंडी स्थित होटल ‘Yes Please’, ‘God Inn’ और एक दो मंजिला इमारत पर छापा मारा। इस ऑपरेशन में 22 लड़कियां बरामद हुईं, जिनमें एक नाबालिग लड़का और एक उज़्बेकिस्तानी लड़की भी शामिल थी।
गिरफ्त में आए दलाल, मास्टरमाइंड फरार। NGO मनोबल की फाउंडर निर्मला बी वाल्टर ने बताया कि हमने प्राप्त जानकारी जिला उपायुक्त हर्षवर्धन को दी। उपायुक्त ने बिना वक्त गंवाए आधी रात को महिला चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर किरण सेठी के साथ पुलिस टीम तैयार कर NGO की निशानदेही पर छापा मारा। आधीरात अचानक हुई पुलिस कार्यवाही में किसी को भगाने का मौका नहीं दिया। पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े कई दलालों को हिरासत में लिया है।
पुलिस जांच में पता चला कि इस रैकेट को निज़ाम और रेहान नाम के दो लोग चला रहे थे। ये दोनों अभी फरार हैं, लेकिन पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। मकान का एग्रीमेंट भी इन्हीं दोनों के नाम पर बना हुआ था। छापेमारी के दौरान होटल ‘Yes Please’ से तीन और ‘God Inn’ से चार लड़कियों को पकड़ा गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि चूना मंडी की एक इमारत के पहले और दूसरे फ्लोर पर 16 लड़कियों रखा गया था। इन लड़कियों को नेपाल, असम और पश्चिम बंगाल से लाकर इस घिनौने व्यापार में धकेला गया था। इस रैकेट में दलालों ने एक सुनियोजित सिस्टम बना रखा था, जहां लड़कियों को 5 से 10 मिनट के लिए भी भेजा जाता था। इसकी ऐवज में ग्राहक से 700 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की रकम ली जाती थी। होटल्स और मकानों के बाहर कई डिलीवरी बॉय अपनी स्कूटी और बाइक के साथ तैयार रहते थे। ग्राहक के ऑर्डर करने पर वे लड़की को 10 मिनट में होटल पहुंचाते और फिर वापस बेस पर ले जाते थे।
लड़कियों की मानसिकता को तोड़कर बनाया जा रहा था शिकार। इस छापेमारी में एक नाबालिग लड़का भी बरामद हुआ, जिसे बाजार से सामान लाने के लिए रखा गया था। NGO ‘मनोबल’ की संस्थापक निर्मला बी. वाल्टर ने बताया कि “लड़कियों को इस काम के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाता था। उन्हें जबरदस्ती ही नहीं, बल्कि उनकी आर्थिक मजबूरियों और भावनात्मक कमजोरी का फायदा उठाकर इस धंधे में झोंका जाता था।”
पुलिस की कड़ी कार्रवाई जारी। इस शर्मनाक रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद दिल्ली पुलिस अब दलालों और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है। मास्टरमाइंड निज़ाम और रेहान की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। यह घटना समाज के लिए एक कड़वी हकीकत है, जो बताती है कि देश की राजधानी में किस तरह महिलाओं और नाबालिगों को शोषण का शिकार बनाया जा रहा है। प्रशासन को अब सख्त कदम उठाने होंगे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।