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Delhi Crime: शाहदरा में NCERT की नकली किताबों का रैकेट पकड़ा, 2.4 करोड़ की 1.7 लाख किताबें बरामद

Delhi Crime: शाहदरा में NCERT की नकली किताबों का रैकेट पकड़ा, 2.4 करोड़ की 1.7 लाख किताबें बरामद

रिपोर्ट: रवि डालमिया

दिल्ली के शाहदरा जिले में पुलिस ने एनसीईआरटी की नकली किताबों की बिक्री और वितरण में लिप्त एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट से जुड़े पिता-पुत्र प्रशांत गुप्ता और निशांत गुप्ता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ‘अनुपम सेल्स’ नामक दुकान के माध्यम से इस अवैध कारोबार को चला रहे थे। पुलिस ने करीब 2.4 करोड़ रुपये मूल्य की 1.7 लाख से अधिक नकली किताबें बरामद की हैं।

डीसीपी प्रशांत गौतम के अनुसार, 16 मई को पुलिस को मंडोली रोड स्थित कुछ स्थानों पर एनसीईआरटी की नकली किताबों की अवैध बिक्री की गुप्त जानकारी मिली थी। सूचना की पुष्टि के लिए स्पेशल स्टाफ प्रभारी इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई और एनसीईआरटी के सहायक उत्पादन अधिकारी प्रकाशवीर सिंह को साथ लेकर छापा मारा गया।

टीम ने राम नगर स्थित ‘अनुपम सेल्स’ पर छापा मारकर 12वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की 27 नकली किताबें बरामद कीं। इन किताबों पर न केवल एनसीईआरटी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर थे, बल्कि दुकानदार के जाली दस्तखत भी पाए गए। मौके से प्रशांत गुप्ता और उसका बेटा निशांत गिरफ्तार कर लिए गए।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि प्रशांत पिछले 25 वर्षों से इस दुकान को चला रहा था, और उसका बेटा बीते 5 सालों से इसमें शामिल था। दोनों ने कबूला कि ये नकली किताबें हिरांकी (अलीपुर) से खरीदकर लाए जाते थे।

इसके बाद पुलिस ने हिरांकी स्थित शिव एन्क्लेव और कश्मीरी कॉलोनी में मौजूद गोदामों पर छापा मारा। यहां से लगभग 1.6 लाख नकली किताबें और भारी मात्रा में अन्य अवैध सामग्री बरामद की गई, जिसकी कीमत लगभग 2.4 करोड़ रुपये आंकी गई है। गोदाम मालिक अरविंद कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है।

डीसीपी के अनुसार, यह सिर्फ एक दुकान या गोदाम की बात नहीं है, बल्कि एक संगठित पायरेसी नेटवर्क है, जिसमें आपूर्तिकर्ता, गोदाम मालिक, वितरक और कई अन्य लोग शामिल हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है, ताकि शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे अपराधियों को पूरी तरह बेनकाब किया जा सके।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

 

 

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