दिल्ली बीजेपी का आरोप- सिर्फ AAP विधायकों के इलाकों में लगे CCTV कैमरे
दिल्ली बीजेपी का आरोप- सिर्फ AAP विधायकों के इलाकों में लगे CCTV कैमरे
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह भाजपा विधायक के उस याचिका पर फैसला लें, जिसमें आरोप लगाया गया है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार केवल उन्हीं इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगा रही है, जहां से सत्तारूढ़ AAP पार्टी के विधायक जीतकर आए हैं। याचिका में दावा किया गया है कि सीसीटीवी कैमरे न लगाए जाने से निर्वाचन क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और निवासियों की सुरक्षा को भारी खतरा है।
पीठ ने वरिष्ठ अधिकारी से कहा कि वह याचिका का निपटारा करते हुए दो सप्ताह के भीतर इस पर फैसला लें। कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि विधायक द्वारा अदालत में दायर याचिका को दिल्ली के मुख्य सचिव का प्रतिवेदन माना जाए। याचिकाकर्ता अभय वर्मा पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने बजट भाषण 2020-21 में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मंजूरी दी थी। इसके लिए उन्होंने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण मंत्री को मंजूरी देने का अधिकार दिया था।
याचिका में कहा गया है कि PWD ने इस अधिकार का दुरुपयोग करते हुए केवल उन्हीं क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए, जहां सत्तारूढ़ दल के नेता जीते थे। वहीं सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कोर्ट से कहा कि PWD द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम लगातार जारी था और कैमरे लगाने में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया गया। उधर विधायक वर्मा का पक्ष रख रहे वकील सत्य रंजन स्वैन ने कहा कि इस भेदभाव के संबंध में भाजपा विधायक ने अधिकारियों को कई ज्ञापन दिए और 2022 में दिया गया एक ज्ञापन तो अभी भी लंबित है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग मंत्री ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कैमरे लगाने की मंजूरी दी थी, जिसमें से केवल लक्ष्मी नगर को जानबूझकर छोड़ दिया गया था।