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TCS कर्मचारी फुटपाथ पर सोया! बकाया सैलरी को लेकर विरोध, कंपनी ने दिया जवाब

TCS कर्मचारी सौरभ मोरे पुणे ऑफिस के बाहर फुटपाथ पर सोते पाए गए। उन्होंने बकाया सैलरी को लेकर विरोध शुरू किया। जानिए क्या है मामला और कंपनी का जवाब।

TCS कर्मचारी सौरभ मोरे पुणे ऑफिस के बाहर फुटपाथ पर सोते पाए गए। उन्होंने बकाया सैलरी को लेकर विरोध शुरू किया। जानिए क्या है मामला और कंपनी का जवाब।

TCS कर्मचारी फुटपाथ पर सोया, वायरल हुई तस्वीर

भारत की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) एक विवाद में घिर गई है, जब एक कर्मचारी सौरभ मोरे की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें वह कंपनी के पुणे ऑफिस के बाहर फुटपाथ पर सोते नजर आए। उनके पास एक पत्र भी रखा हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी बकाया सैलरी को लेकर अपना दर्द जाहिर किया।

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कर्मचारी के पत्र में क्या लिखा था?

पत्र में सौरभ मोरे ने लिखा कि उन्होंने 29 जुलाई 2025 को TCS पुणे ऑफिस में रिपोर्ट किया था, लेकिन उनका ID सिस्टम में एक्टिवेट नहीं किया गया, और उन्हें सैलरी नहीं मिली। उन्होंने HR को सूचना दी कि उनके पास रहने और खाने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन HR की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।

“मैं TCS के बाहर फुटपाथ पर रहने को मजबूर हूँ।”

FITE (Forum for IT Employees) का बयान

FITE ने मोरे के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए कहा:

“हम उनके साहस की सराहना करते हैं। हालांकि, कानूनी प्रक्रिया अपनाकर श्रम कार्यालय को शिकायत देना ज़रूरी है।”

FITE ने अन्य टेक कर्मचारियों को भी कानूनी मदद लेने की सलाह दी है, ताकि उनके अधिकारों की रक्षा हो सके।

टीसीएस का आधिकारिक बयान

टीसीएस ने कहा कि यह मामला अनधिकृत अनुपस्थिति का है, जिस कारण उनकी सैलरी रोकी गई थी। कंपनी ने कहा:

TCS Lay Off: टीसीएस इस साल 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों

“कर्मचारी अब काम पर लौट आया है और हमने फिलहाल उसे आवास उपलब्ध करा दिया है। हम मामले को निष्पक्ष और रचनात्मक रूप से हल करने में सहयोग कर रहे हैं।”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

घटना के बाद ट्विटर और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स ने नाराज़गी जताई:

  • “टीसीएसअब वो टाटा नहीं रहा…”

  • “रतन टाटा के बाद कंपनी ने नैतिकता खो दी है।”

हालिया पुनर्गठन की पृष्ठभूमि

टीसीएस ने हाल ही में एक ग्लोबल वर्कफोर्स रीस्ट्रक्चरिंग प्लान की घोषणा की है, जिससे करीब 12,000 कर्मचारियों पर असर पड़ने की उम्मीद है।

टीसीएस कर्मचारी फुटपाथ पर सोना केवल एक व्यक्तिगत विरोध नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश है – कि सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है। यदि कर्मचारियों की शिकायतों को समय पर नहीं सुना गया, तो इससे कंपनी की छवि और कर्मचारियों का मनोबल दोनों पर असर पड़ सकता है।

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