
नई दिल्ली, 4 अप्रैल : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना ने वीरवार और शुक्रवार को ओडिशा के तट पर मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) के सेना संस्करण के चार सफल उड़ान परीक्षण किए।
सभी चार ऑपरेशनल उड़ान परीक्षण डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों के खिलाफ किए गए। मिसाइलों ने हवाई लक्ष्यों को रोका और उन्हें नष्ट कर दिया, जिससे सीधे हिट दर्ज किए गए। लंबी दूरी, कम दूरी, उच्च ऊंचाई और कम ऊंचाई पर चार लक्ष्यों को रोकने के लिए परीक्षण किए गए, जिससे मिसाइल सिस्टम की परिचालन क्षमता सफल साबित हुई। एमआरएसएएम सेना हथियार प्रणाली में मल्टी-फंक्शन रडार, कमांड पोस्ट, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम और अन्य वाहन शामिल हैं। जिसे डीआरडीओ और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
इन परीक्षणों ने सेना की पूर्वी और दक्षिणी कमानों की परिचालन क्षमता को साबित करने के साथ दो रेजिमेंटों में हथियार प्रणालियों के संचालन का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि चार सफल परीक्षणों ने महत्वपूर्ण दूरी पर लक्ष्यों को भेदने में हथियार प्रणाली की क्षमता को फिर से स्थापित किया है।