Chhath Mahaparv 2025: नहाय-खाय से शुरू हुआ चार दिवसीय पर्व, यमुना घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़

Chhath Mahaparv 2025: नहाय-खाय से शुरू हुआ चार दिवसीय पर्व, यमुना घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़
रिपोर्ट: रवि डालमिया
आज से छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो गई है। इस पर्व का समापन 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समापन किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की तिथि पर छठ पूजा मनाई जाती है। ‘नहाय-खाय’ का शाब्दिक अर्थ होता है स्नान करके भोजन करना।
पूर्वी दिल्ली के यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन स्थित पलटून पुल, भैरों मार्ग और यमुना घाट पर शनिवार को नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हुई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर पूजा की रस्में शुरू कीं। श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार यमुना का पानी स्वच्छ है और पारंपरिक पूजा की तैयारी में कोई कठिनाई नहीं हुई।
पहले दिन श्रद्धालु कच्चा चावल का भात, कद्दू (लौकी/घीया) की सब्जी और सरसों का साग पवित्रता के साथ बनाते हैं और इन्हें भोजन में ग्रहण करते हैं। अगले दिन खरना किया जाता है और तीसरे दिन शाम व सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन होता है। महिलाएं लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं, जो परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है। सप्तमी तिथि की सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही वे पानी पीती हैं।
श्रद्धालुओं ने बताया कि पिछले 15 साल से वे छठ पूजा के लिए यमुना पर आते हैं। पहले यमुना का पानी काला और बदबूदार हुआ करता था, लेकिन अब यमुना साफ हो गई है और उन्होंने पवित्र स्नान किया। उन्होंने दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद दिया, जिन्होंने पूर्वांचल के लोगों के लिए विशेष ध्यान रखते हुए यमुना घाट पर छठ पूजा की अनुमति दी। पिछले पांच साल से पार्क में पूजा करने के बाद इस बार श्रद्धालुओं ने यमुना घाट पर परंपरागत रूप से पूजा का आयोजन किया।
Realme GT 6 भारत में लॉन्च होने की पुष्टि। अपेक्षित स्पेक्स, फीचर्स, और भी बहुत कुछ




