
नई दिल्ली, 2 जुलाई : अंग दान के बारे में जागरूकता फैलाने और अंग दान से जुड़े मिथकों व गलत धारणाओं को दूर करने के लिए राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) देशभर में अंगदान जन जागृति अभियान चलाएगा। साथ ही देश के नागरिकों को मृत्यु के बाद अंगों और ऊतकों को दान करने के लिए प्रेरित करेगा। इस संबंध में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और अस्पतालों की मदद ली जाएगी। यह जानकारी एनओटीटीओ के निदेशक डॉ अनिल कुमार ने दी।
डॉ कुमार ने कहा, अंग दान एक महान कार्य है जो अंतिम चरण के अंग विफलता से पीड़ित लोगों को आशा और नया जीवन प्रदान करता है। एक अंग दाता 8 से 9 लोगों की जान बचा सकता है। हालांकि, जितने मरीजों को अंग प्रत्यारोपण की जरूरत होती है, उनकी तुलना में मानव अंगों की उपलब्धता काफी कम है जिसे स्वैच्छिक अंगदान के जरिये बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि अंगदान जन जागृति अभियान एक जुलाई से 31 जुलाई के मध्य चलाया जाएगा। यह आगामी 3 अगस्त को मनाए जाने वाले भारतीय अंग दान दिवस का ही एक भाग है जो देश के पहले मृत दाता अंग प्रत्यारोपण की स्मृति में मनाया जाता है। यह भारत में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम की घोषणा के बाद 8 जुलाई,1994 में किया गया पहला हृदय प्रत्यारोपण भी था।
डॉ कुमार ने कहा, जागरूकता अभियान के तहत कई जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देकर अंग प्रत्यारोपण की मांग को कम करना, ब्रेन स्टेम मृत्यु एवं मृतक अंग दान के बारे में जागरूकता फैलाना और अंग प्रत्यारोपण से संबंधित अवैध प्रथाओं की रोकथाम एवं नियंत्रण करना शामिल है। इसके अलावा अस्पतालों द्वारा ब्रेन स्टेम मृत्यु के मामलों की पहचान करने के साथ घोषणा की संख्याओं में इजाफा भी किया जाएगा।