नई दिल्ली, 27 सितम्बर: भारत-ओमान का संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नजाह का 5वां संस्करण शुक्रवार को ओमान के रबकूट प्रशिक्षण क्षेत्र में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस अभ्यास से जहां भारत-ओमान की सैन्य टुकड़ियों के सामरिक कौसल में सुधार आया। वहीं, द्विपक्षीय सैन्य संबंधों में मजबूती भी आई।
इस दौरान ओमान में भारतीय राजदूत अमित नारंग और ओमान में भारतीय रक्षा अताशे कैप्टन हरीश श्रीनिवासन मौजूद रहे। वहीं, ओमान की ओर से, ओमान की रॉयल आर्मी की 11वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्दुलकादिम बिन इब्राहिम अल-अजमी और फ्रंटियर फोर्स के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल मसूद मुबारक अल-गफरी ने समापन समारोह में भाग लिया। दोनों देशों ने विश्व शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता के साथ संयुक्त अभ्यास का समापन किया।
इस अभ्यास में दोनों पक्षों के करीब 60-60 सैनिकों ने हिस्सा लिया। इसमें भारतीय और ओमानी बख्तरबंद व्यक्तिगत वाहक आधारित सैनिकों की संयुक्त सेना द्वारा रेगिस्तानी इलाके में एक गांव को अलग-थलग करने और उसे खाली करने का अनुकरण भी शामिल था, जिसके बाद घरों को खाली करने का अभ्यास और बंधकों को छुड़ाने का अभ्यास भी किया गया। दोनों पक्षों के स्नाइपरों ने अपने निशानेबाज़ी कौशल का प्रदर्शन किया और अपने लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगाया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ड्रोन जैसे अत्याधुनिक भारतीय उपकरणों का उपयोग था, जो वास्तविक समय की निगरानी और बैलिस्टिक शील्ड प्रदान करते थे, जिनका उपयोग कमरे में हस्तक्षेप और बंधकों की सुरक्षा के लिए किया जाता है।