आतंकवाद से निपटने में मदद करेगा भारत-अमेरिका सैन्य अभ्यास
-अभ्यास सत्रों में आतंक एवं युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में शांति अभियानों के दौरान नागरिक-सैन्य समन्वय पर दिया गया जोर
नई दिल्ली, 18 सितम्बर : आतंकवाद से मुकाबला करने से लेकर संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सहयोग करने तक के मिशन में भारत और अमेरिका एक मंच पर खड़े हैं। जिसकी बानगी राजस्थान के बीकानेर स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में संयुक्त युद्ध अभ्यास के तौर पर दिखाई दे रही है। यह अभ्यास आगामी 21 सितंबर तक जारी रहेगा।
अभ्यास सत्रों में आतंक एवं युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में शांति अभियानों के दौरान नागरिक-सैन्य समन्वय और मानवीय गतिविधियों पर विशेष रूप से गहन ध्यान केंद्रित किया गया। इस अभ्यास के दौरान सैनिकों को सैन्य स्टाफ अधिकारियों से अपेक्षाओं के बारे में जानकारी दी गई और इस बात पर चर्चा की गई कि दोनों सेनाएं संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के जनादेश को पूरा करने के लिए कैसे सहयोग कर सकती हैं। इन सत्रों का आयोजन भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के साझा दृष्टिकोण के अनुरूप किया गया जिसमें संयुक्त राष्ट्र मिशनों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से वैश्विक शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना शामिल है।
पूरे अभ्यास के दौरान, दोनों टुकड़ियाँ एक गतिशील फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास में शामिल रहीं। वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों और युद्ध कौशल के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर जोर देने से सैनिकों को विभिन्न जटिल स्थितियों के लिए अपनी प्रतिक्रिया रणनीतियों को परिष्कृत करने की मदद मिली है। भारतीय और अमेरिकी सैन्य इंजीनियरों ने फील्ड इंजीनियरिंग कार्यों पर भी सहयोग किया है, जिससे दोनों बलों के बीच अंतर-संचालन क्षमता में और वृद्धि हुई है।
युद्ध अभ्यास 2024 का एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व लाइव फायर अभ्यास रहा है, जिसने दोनों देशों की एकीकृत मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। भारतीय आर्टिलरी इकाइयों के साथ मिलकर अमेरिकी एम-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर ने उच्च तीव्रता वाले वातावरण में सटीकता और समन्वय के साथ लाइव फायरिंग अभ्यास किया। उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर और अपाचे एएच-64 हेलीकॉप्टरों से जुड़े समन्वित हवाई सहायता मिशनों के साथ-साथ मल्टी बैरल रॉकेट लांचर पिनाका सहित उन्नत हथियार प्रणालियों को तैनात किया गया था। सामरिक अभ्यासों के अलावा, युद्ध अभ्यास 2024 ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान किया है, जो दोनों सेनाओं के बीच बंधन को मजबूत करने में एक अभिन्न भूमिका निभाता है।