
नई दिल्ली, 21 अगस्त:थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उनकी पत्नी तथा आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष सुनीता द्विवेदी ने वीरवार को आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) में अपने अंगदान करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) की महानिदेशक सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन भी मौजूद रहीं।
सेना प्रमुख की पहल का उद्देश्य अंगदान के प्रति समाज में जागरूकता लाना और सशस्त्र बल समुदाय को अंगदान के मामले में राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करना है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अंगदान को मानवता की सेवा और सशस्त्र बलों की त्याग और साहस की भावना का विस्तार बताया। उन्होंने सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों से समाज के लिए एक मिसाल कायम करने का आग्रह किया। सेना प्रमुख ने अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और सशस्त्र बलों के कर्मियों को प्रेरित करने के लिए सशस्त्र बल अंग पुनर्प्राप्ति एवं प्रत्यारोपण प्राधिकरण (एओआरटीए) के निरंतर प्रयासों की भी सराहना की।
सेना प्रमुख द्विवेदी ने स्वास्थ्य कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका की स्वीकृति स्वरूप, अंग प्रत्यारोपण देखभाल में लगे तीन अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को मौके पर ही चीफ्स रिकमेंडेशन कार्ड प्रदान किए जिनमें एक हाउसकीपर भी शामिल था जो मरीजों के लिए स्वच्छता और सफाई का पूरा ध्यान रखता था। कार्यक्रम में उन दाता परिवारों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने अंगदान के माध्यम से जीवनदान दिया। इन परिवारों को उनकी करुणा और साहस के लिए एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया। हालांकि भारतीय सेना के 26,000 से अधिक कर्मी अंगदान का संकल्प लेकर पहले ही एक रिकॉर्ड बना चुके हैं।
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