Agra: आगरा में ऑल फार्मासिस्ट संगठन उत्तर प्रदेश की विचार गोष्ठी, प्राथमिक उपचार लिखने के अधिकार की उठी मांग

Agra: आगरा में ऑल फार्मासिस्ट संगठन उत्तर प्रदेश की विचार गोष्ठी, प्राथमिक उपचार लिखने के अधिकार की उठी मांग
रिपोर्ट: आकाश जैन
आगरा में आज ऑल फार्मासिस्ट संगठन उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेशभर से आए फार्मासिस्टों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि चरक की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसने भारतीय चिकित्सा परंपरा की गरिमा को उजागर किया।
विचार गोष्ठी में संगठन के प्रांतीय प्रमुख एवं मुख्य संरक्षक जगपाल सिंह चाहर ने फार्मासिस्ट समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन सभी फार्मासिस्टों के हक और अधिकारों के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कर रहा है। उन्होंने इस अवसर पर सरकार से मांग की कि फार्मासिस्टों को प्राथमिक उपचार लिखने का अधिकार दिया जाए, ताकि वे ग्रामीण और आपात परिस्थितियों में मरीजों को तत्काल राहत प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट केवल दवा वितरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं, जो हर आपात स्थिति में सेवा देने के लिए तैयार रहते हैं।
इस विचार को गोष्ठी में मौजूद सभी फार्मासिस्टों ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया और प्राथमिक उपचार लिखने की अनुमति की मांग को मजबूती से सरकार तक पहुंचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में यह स्पष्ट किया गया कि यदि सरकार इस दिशा में पहल करती है तो स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच दोनों में सुधार होगा, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में।
गोष्ठी में आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने फार्मासिस्टों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की आधारशिला में फार्मासिस्ट एक मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट हर परिस्थिति में चिकित्सीय सहायता प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं और इनकी अनदेखी कर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर नहीं बनाया जा सकता। डॉ. श्रीवास्तव ने इस अवसर पर फार्मासिस्टों की भूमिका को दर्शाते पोस्टर का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता टी. एन. त्यागी ने की, जबकि संचालन रजनीश गौतम और वशजवीर सिंह ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अमित रावत और नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र लवानियाँ की उपस्थिति रही, जिन्होंने विचार साझा करते हुए कहा कि फार्मासिस्टों को सशक्त बनाने से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
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