Northeast rain update: पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही, अबतक 30 लोगों की मौत

Northeast rain update: पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही, अबतक 30 लोगों की मौत
पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश और उससे उत्पन्न बाढ़ तथा भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। असम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर जैसे पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में प्राकृतिक आपदा के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।
अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, इन चार राज्यों में बारिश और उससे उत्पन्न बाढ़ व भूस्खलन के कारण कुल मिलाकर 30 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं और कई अन्य अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। लगातार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर काफी बढ़ चुका है और कई इलाकों में पानी का बहाव खतरनाक स्तर पार कर गया है।
असम के कई जिलों में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। धेमाजी, लखीमपुर, बारपेटा और डिब्रूगढ़ जैसे क्षेत्रों में बाढ़ ने खेतों को जलमग्न कर दिया है और सड़कों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। हजारों लोग अपने घरों से पलायन कर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
मिजोरम में लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। राजधानी आइज़ोल में एक निर्माणाधीन पुल के ढहने की खबर आई है जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हो गया है। मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में भी बाढ़ और भूस्खलन से नुकसान की खबरें आ रही हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश में नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इन राज्यों में अगले कुछ दिनों तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग के मुताबिक, मानसूनी सिस्टम की सक्रियता के चलते आने वाले 48 से 72 घंटे काफी संवेदनशील हो सकते हैं। विभाग ने स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखने की सलाह दी है।
बाढ़ और बारिश से प्रभावित इलाकों में राज्य सरकारों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों द्वारा राहत कार्य लगातार जारी हैं। एनडीआरएफ की टीमें कई जिलों में तैनात की गई हैं और स्थानीय पुलिस के सहयोग से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। कई जगहों पर हेलिकॉप्टर की मदद से भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
हालात को देखते हुए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और रेल व सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इन क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता और अनियमितता बढ़ रही है, जिससे ऐसी आपदाएं अधिक बार देखने को मिल रही हैं।
फिलहाल, पूरे पूर्वोत्तर में लोग भय और संकट के माहौल में जी रहे हैं। सरकारी एजेंसियों की कोशिश है कि स्थिति को जल्द से जल्द काबू में लाया जाए, लेकिन मौसम के रूख को देखते हुए राहत कार्यों में अभी और भी चुनौतियाँ आने की संभावना है।