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Hapur News : हापुड़ में पुरानी रंजिश को लेकर हुई हत्या के मामले में आया फैसला, दोषी को सुनाई आजीवन कारावास को सजा

जिले के थाना सिंभावली क्षेत्र के गांव कुराना में 2014 में रंजिशन...

Hapur News : (शाहरुख़ खान) जिले के थाना सिंभावली क्षेत्र के गांव कुराना में 2014 में रंजिशन किसान गजपाल सिंह की हत्या करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है। न्यायाधीश ने एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, दोषी पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाय।

क्या था पूरा मामला
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विजय चौहान ने बताया कि गांव कुराना के रहने वाले पंकज ने सिंभावली थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके चाचा गजपाल सिंह 30 अगस्त 2014 को अपने घर पर थे, तभी विक्रांत उर्फ कप्तान उसके घर पर आया और उसके चाचा गजपाल सिंह को अपने साथ अपने चाचा ईश्वर के नलकूप पर नहाने के लिए ले गया। दोपहर के समय मीनू गांव बंगौली स्थित अपने स्कूल से आ रही थी। उसने देखा कि ईश्वर की नलकूप के सामने कप्तान उर्फ विक्रांत, ईश्वर, रुस्तम उर्फ विशाल और राहुल उर्फ अभिषेक उसके चाचा गजपाल सिंह को खींच कर ले जा रहे थे। मीनू ने घर पर जाकर अपने भाई योगेंद्र उर्फ कालू को पूरी घटना के बारे में जानकारी दी। योगेंद्र अपने साथ ध्यान को लेकर मौके पर पहुंचा तो उन्होंने देखा कि चारों आरोपी गजपाल सिंह को ईंटों से मार रहे हैं। शोर मचाने पर आरोपी गजपाल सिंह को छोड़कर भाग गए। मौके पर जब वह पहुंचे तो गजपाल सिंह की मौत हो चुकी थी।

कोर्ट ने सुनाया फैसला
पीड़ित पक्ष कि तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी। लेकिन पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर को दरकिनार करते हुए सिर्फ एक आरोपी विक्रांत उर्फ कप्तान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। मामले की जांच कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की गई। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय कोर्ट में चल रही थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान वादी पक्ष की गुहार पर ईश्वर, रुस्तम उर्फ विशाल, राहुल उर्फ अभिषेक को कोर्ट में तलब किया। जिसके बाद न्यायालय में चार आरोपियों के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई पूरी होने पर न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने आरोपी विक्रांत को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं, अन्य आरोपी ईश्वर, रुस्तम उर्फ विशाल, राहुल उर्फ अभिषेक को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

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