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उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: बीएसएफ के फर्जी आईकार्ड से धोखाधड़ी और वसूली के खेल का खुलासा

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: बीएसएफ के फर्जी आईकार्ड से धोखाधड़ी और वसूली के खेल का खुलासा

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद।सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के नाम पर संगठन का नाम रखकर धोखाधड़ी और वसूली के आरोपी को गाजियाबाद की इंदिरापुरम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने एंटी क्राइम ऑर्गनाईजेशन वसुंधरा संरक्षण फाउंडेशन (बीएसएफ) के नाम से अपना संगठन बनाया है। आरोपी सदस्यता शुल्क के रूप में 1100 रुपये लेकर पुलिस से मिलते हुबहू पहचान पत्र और वर्दी देता था। अब तक 50 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की बात सामने आ चुकी है।

एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें सादे कपड़े पहने एक व्यक्ति दूसरे खाकी वर्दीधारी के कंधों पर स्टार लगा रहा था। वीडियो का संज्ञान लेकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो स्टार लगाने वाले की पहचान दिल्ली के थाना प्रेमनगर शुक्र बाजार प्रवेश नगर मुबारकपुर निवासी यादराम आर्य के रूप में हुई। एसीपी के मुताबिक, पुलिस ने रविवार को यादराम आर्य को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने खुद को एंटी क्राइम ऑर्गेनाइजेशन वसुंधरा संरक्षण फाउंडेशन, बीएसएफ का संस्थापक बताया। एसीपी ने बताया कि यादराम लोगों से पैसे लेकर उन्हें अपने संगठन में भर्ती करता था। 1100 रुपये सदस्यता शुल्क लेकर उन्हें खाकी वर्दी और आईडी कार्ड देता था।

टोल टैक्स से बचाने का देता था लालच
पुलिस के मुताबिक, आरोपी यादराम आर्य लोगों को लालच देकर अपने संगठन में भर्ती करता था। वह कहता था कि उसका संगठन भारत सरकार, गृह मंत्रालय और पुलिस से मान्यता प्राप्त है। संगठन में शामिल होने वाले नए सदस्य वर्दी पहनकर अवैध वसूली कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आईकार्ड और वर्दी देखने के बाद टोल प्लाजा पर उनका टोल टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा पुलिस उनके वाहनों का चालान भी नहीं करेगी। इसी लालच में जुड़कर लोग यादराम के संगठन में भर्ती होते थे।

पहचान पत्र पर तमाम विभागों के नाम अंकित
पुलिस के मुताबिक, यादराम आर्य संगठन में भर्ती हुए नए सदस्य को जो आईकार्ड देता था, उस पर गृह मंत्रालय, बीएसएफ और भारत सरकार लिखा होता था। इतना ही नहीं, आईकार्ड पर यह भी लिखा होता था कि नए सदस्य के जुड़ने और उसे आईडी कार्ड जारी करने के बारे में पुलिस कमिश्नर को भी अवगत करा दिया गया है। आरोपी पर इंदिरापुरम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। उसके कब्जे से कई लोगों के आईडी कार्ड, पुलिस की वर्दी, लेटर हेड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

संगठन और सदस्यों की कुंडली खंगाल रही पुलिस
एसीपी इंदिरापुरम ने बताया कि संगठन का संस्थापक बीएसएफ और गृह मंत्रालय का पहचान-पत्र देकर अवैध लाभ कमा रहा था। पुलिस आरोपी के संगठन की कुंडली खंगालने में जुटी है। संगठन में कितने लोग शामिल हैं, इसका पता लगाया जा रहा है। यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि सदस्यों ने अब तक किन-किन लोगों से अवैध वसूली की है। जांच के बाद मामले में सही जानकारी मिल सकेगी।

मुख्य कार्यालय आंध्र प्रदेश में दर्शाया
एसीपी इंदिरापुरम ने बताया कि आरोपी यादराम आर्य ने संगठन का मुख्य कार्यालय विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश और कार्यकारी दफ्तर मुबारकपुर दिल्ली के मीर विहार में दर्शाया है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पहले दर्जी था और महिलाओं के कपड़े सिलता था। काफी समय पहले उसने यह संगठन बनाया था। एसीपी के मुताबिक, आरोपी अवैध तरीके से लोगों को संगठन की सदस्यता दे रहा था। इसके बदले में वह 1100 रुपये वसूलता था। एसीपी ने बताया कि आरोपी के दोनों कार्यालयों के बारे में भी जानकारी जुटाई रही है।

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