भारत

एम्स, नई दिल्ली: अत्यधिक महंगे इलाज वाले दुर्लभ रोगों के लिए क्राउडफंडिंग को बढ़ावा देगा एम्स

एम्स, नई दिल्ली: -मरीजों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया क्राउडफंडिंग पोर्टल

एम्स, नई दिल्ली, 3 दिसम्बर : वैसे तो अनेक दुर्लभ रोगों का इलाज दुनिया में उपलब्ध ही नहीं है, लेकिन जिन दुर्लभ रोगों का इलाज उपलब्ध है। उनकी दवाएं अत्यधिक महंगी होने के चलते मरीज इलाज से वंचित रह जाते हैं जिनमें 75% बच्चे शामिल होते हैं। ऐसे ही मरीजों की सुविधा के लिए एम्स दिल्ली ने क्राउडफंडिंग को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है।

एम्स प्रशासन के मुताबिक एम्स दिल्ली को भारत सरकार ने दुर्लभ रोगों के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया है। यह केंद्र दुर्लभ रोगों से पीड़ित रोगियों और उनके परिवारों को रोग के निदान, उपचार, परामर्श, रोकथाम और शिक्षा प्रदान करने के साथ अनेक दुर्लभ रोगों के क्षेत्र में शोध भी कर रहा है। इन शोध के परिणाम आने तक दुर्लभ रोगों की विदेशी दवाएं ही रोगोपचार का विकल्प हैं। मगर यह दवाएं अत्यधिक महंगी होने के कारण आम लोगों की पहुंच से बाहर होती हैं।

एम्स प्रवक्ता डॉ रीमा दादा ने बताया कि दुर्लभ बीमारियों के रोगियों के लिए क्राउडफंडिंग और स्वैच्छिक दान के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर एक डिजिटल पोर्टल बनाया गया है। जहां मरीजों और उनके परिजनों के साथ उपचार करने वाले डॉक्टर एक -दूसरे से जुड़ सकेंगे। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स लोगों से अपील करता है कि वे इन मरीजों और उनके परिवारों की मदद करने के लिए आगे आएं। छोटी- छोटी मदद इन परिवारों के लिए बहुत बड़ी राहत साबित हो सकती है। उन्होंने कहा, कई दुर्लभ बीमारियों का इलाज काफी लंबा और कठिन होता है जिनका खर्च आमतौर लाखों रुपये मासिक होता है। यह खर्च गरीब परिवारों को तबाह कर देता है।

भारत में करीब 450 दुर्लभ रोग चिन्हित !
दुनिया भर में करीब 7 हजार से ज्यादा बीमारियां दुर्लभ मानी जाती हैं, जबकि भारत में करीब 450 दुर्लभ रोग पाए जाते हैं। दुनिया की दुर्लभ बीमारियों में से 5 फीसदी से भी कम बीमारियों के इलाज उपलब्ध हैं। कुछ दुर्लभ बीमारियां किसी खास शारीरिक प्रणाली को प्रभावित करती हैं, तो कुछ कैंसर का कारण बन जाती हैं। इन दुर्लभ बीमारियों में हटिन्गटन्स डिज़ीज़, सिस्टिक फाइब्रोसिस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, सिकल-सेल एनीमिया, गौचर रोग, सिस्टेम फ़ाइब्रोसिस, टे-सैक्स रोग, स्यूडो माइक्सोमा पेरिटोनी (पीएमपी) समेत कई अन्य बीमारियां शामिल है।

क्राउडफंडिंग क्या है?
किसी उद्देश्य (दुर्लभ रोग से पीड़ित मरीज के इलाज आदि) के लिए बड़ी संख्या में व्यक्तियों से छोटी मात्रा में धन जुटाने को क्राउडफंडिंग कहा जाता है। यह धन जुटाने वालों को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों से धन इकट्ठा करने में सक्षम बनाती है। इसमें रोगियों से जुड़ी जानकारी, उनकी बीमारी, इलाज की लागत और इलाज करने वाले संस्थान के बैंक खाते की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। हालांकि, दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए, सरकार ने राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति (एनपीआरडी) भी शुरू की है। इस नीति के तहत, चिह्नित उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) में इलाज कराने वाले मरीजों को 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है।

Read More: ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

Related Articles

Back to top button