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Women Cancer Awareness: स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार पहल में रेडियोलॉजिस्ट की अहम भूमिका

Women Cancer Awareness: स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार पहल में रेडियोलॉजिस्ट की अहम भूमिका

नई दिल्ली। स्तन, अंडाशय और गर्भाशय के कैंसर का शीघ्र पता लगाना महिलाओं के जीवन को बचाने और जानलेवा रोगों पर नियंत्रण करने में बेहद महत्वपूर्ण है। दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश मिनी पुष्करणा ने आरएमएल अस्पताल के रेडियोडायग्नोसिस विभाग द्वारा आयोजित शैक्षणिक कार्यक्रम ‘शक्ति समिट एंड कनेक्ट’ में कहा कि रेडियोलॉजिस्ट इस प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं और प्रधानमंत्री मोदी की ‘स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार’ पहल का भी अहम हिस्सा हैं।

समिट का उद्घाटन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक दीवान ने किया, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के 115 रेडियोलॉजिस्टों ने भाग लिया। न्यायाधीश पुष्करणा ने बताया कि कैंसर का शीघ्र निदान न केवल रोग को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि समय पर उपचार मिलने से महिलाओं के जीवन की रक्षा भी सुनिश्चित होती है।

आरएमएल अस्पताल के रेडियोडायग्नोसिस विभागाध्यक्ष डॉ. शिबानी मेहरा ने कहा कि सीटी स्कैन, एमआरआई और मैमोग्राफी जैसी उन्नत तकनीकों के माध्यम से रेडियोलॉजिस्ट कैंसर ग्रस्त ट्यूमर की पहचान, आकार और स्थिति का आकलन कर सकते हैं। साथ ही यह निर्धारित कर सकते हैं कि कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया है या नहीं।

इस दौरान अनुभवी महिला रेडियोलॉजिस्टों ने न्यूरो, एब्डोमिनल और पेल्विक इमेजिंग में हुई नवीनतम प्रगति पर मेडिकल छात्रों को व्याख्यान दिए। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल चिकित्सकीय ज्ञान को साझा करना था, बल्कि रेडियोलॉजिस्टों के योगदान को सराहते हुए उन्हें ‘स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार’ पहल के सक्रिय सदस्य के रूप में स्थापित करना भी था।

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