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Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में रेहड़ी-पटरी वालों से वसूली का आरोप, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में रेहड़ी-पटरी वालों से वसूली का आरोप, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

पास के नाम पर वसूली का वीडियो हुआ वायरल
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा-एक में रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों से पास के नाम पर कथित वसूली का मामला सामने आया है। इस संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में आरोप लगाया गया है कि आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) के कुछ पदाधिकारी पास जारी करने के नाम पर एक हजार से तीन हजार रुपये तक की वसूली कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पास पर लिए गए पैसों का कोई विवरण या रसीद भी नहीं दी जा रही है, जिससे स्थानीय व्यापारियों और ठेले वालों में नाराजगी बढ़ गई है।

वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में बढ़ी हलचल
वीडियो वायरल होने के बाद सेक्टर में चर्चा का माहौल गर्म हो गया है। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि रेहड़ी-पटरी वालों से अवैध वसूली की जा रही है और इस वसूली की आड़ में कुछ लोग निजी लाभ कमा रहे हैं। वहीं, कई निवासियों ने आरडब्ल्यूए की नीतियों का समर्थन करते हुए कहा कि यह व्यवस्था सेक्टर में अनुशासन और स्वच्छता बनाए रखने के लिए जरूरी है।

आरडब्ल्यूए महासचिव ने दी सफाई
आरडब्ल्यूए महासचिव हरेंद्र भाटी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी तरह की अवैध वसूली नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि सेक्टर में काम करने वाले रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों के लिए पास बनाने की एक नियमित प्रक्रिया है। इसके तहत अलग-अलग श्रेणियों के आधार पर 500 से लेकर तीन हजार रुपये तक आरडब्ल्यूए के कोष में जमा कराए जाते हैं। यह धनराशि सेक्टर के विकास कार्यों पर खर्च की जाती है, जैसे सफाई, रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले की आरडब्ल्यूए इन्हीं लोगों से पांच से दस हजार रुपये तक वसूला करती थी, लेकिन कोई विकास कार्य नहीं कराती थी।

निवासियों से पारदर्शिता का दावा
हरेंद्र भाटी ने कहा कि वर्तमान आरडब्ल्यूए पारदर्शिता के साथ कार्य कर रही है। सेक्टर के सभी नागरिकों को बैठक के दौरान पूरा लेखा-जोखा दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि “हम किसी भी तरह की गलत गतिविधि में शामिल नहीं हैं, बल्कि क्षेत्र के विकास और स्वच्छता को प्राथमिकता दे रहे हैं।”

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