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नई दिल्ली: हिंद-प्रशांत में एक सुरक्षित समुद्री क्षेत्र सुनिश्चित करेंगे एशियाई तटरक्षक

नई दिल्ली: -ऑस्ट्रेलिया में 21वीं एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक में पहुंचा आईसीजी प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली, 14 अक्तूबर : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक सुरक्षित, संरक्षित और टिकाऊ समुद्री क्षेत्र सुनिश्चित करने के बाबत ऑस्ट्रेलिया में 21वीं एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक (एचएसीजीएएम) आयोजित की जा रही है। इस तीन दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को सिडनी पहुंचा।

बैठक के दौरान, आईसीजी प्रतिनिधिमंडल ने समुद्री सुरक्षा अभियानों, आपदा प्रतिक्रिया और समुद्री पर्यावरण संरक्षण में भारत के अनुभव साझा किए। साथ ही क्षेत्रीय भागीदारों के साथ संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और बेहतर परिचालन समन्वय के नए अवसर विकसित करने पर चर्चा की। एचएसीजीएएम एक प्रमुख क्षेत्रीय मंच है जिसमें एशिया और उसके बाहर के 21 सदस्य देश, 1 क्षेत्र (हांगकांग) और 2 सहयोगी सदस्य शामिल हैं। यह मंच समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और कानून प्रवर्तन से संबंधित मुद्दों पर एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में एचएसीजीएएम खोज और बचाव कार्यों में समन्वय बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों से निपटने, अवैध, अप्रतिबंधित एवं अनियमित मछली पकड़ने की समस्या से निपटने के साथ समुद्री पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में विकसित हुआ है। यह मंच विभिन्न देशों की तटरक्षक एजेंसियों के बीच क्षमता निर्माण, आपसी विश्वास और अंतर-संचालन को भी बढ़ावा देता है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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