उत्तर प्रदेश, नोएडा: इको-फ्रैंडली गणेश मूर्तियों और जगमगाते झालरों से जगमगाए बाजार
उत्तर प्रदेश, नोएडा: इको-फ्रैंडली गणेश मूर्तियों और जगमगाते झालरों से जगमगाए बाजार

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। दीपावली करीब आते ही शहर के बाजार झालरों की रोशनी और रंगों से जगमगा उठे हैं। इस बार बाजारों में इको–फ्रेंडली गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों से लेकर मिट्टी के दीयों और सजावटी सामग्री की भरमार है। त्योहार नजदीक आते ही दुकानदारों के चेहरों पर रौनक है तो ग्राहकों में भी खरीदारी को लेकर खास उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बार ग्राहक में स्वदेशी उत्पादों की अधिक मांग है।
सेक्टर-18 स्थित अट्टा मार्केट, सेक्टर-27 स्थित इंदिरा मार्केट, सेक्टर-27 ब्रह्मपुत्र मार्केट, सेक्टर 49 बरौला, हाजीपुर, भंगेल समेत अन्य प्रमुख बाजारों में सजावटी सामान की बुधवार को खूब बिक्री हुई। 20 अक्तूबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। इस बीच पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए शहरवासी इस बार प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की बजाय मिट्टी और गोबर से बनी गणेश–लक्ष्मी मूर्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। दुकानदारों के अनुसार, छोटे आकार की मिट्टी की मूर्तियां 150 से 300 रुपये में मिल रही हैं जबकि आकर्षक डिजाइनों वाली बड़ी मूर्तियों की कीमत 500 से 1500 रुपये तक पहुंच गई है।
सेक्टर-35 स्थित मोरना गांव में मिट्टी के दीये की खरीद फरोख्त करने वाले पवन ने बताया कि इस बार मिट्टी के पारंपरिक दीयों के साथ-साथ अब डिजाइनर दीये भी बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं। कई दुकानों पर रंगीन और सुगंधित दीयों की नई रेंज आई है, जिनकी कीमत 10 से 100 रुपये प्रति सेट तक है।
10 लाख दीया बिकने का अनुमान, आधे बिके
दीया की खरीद फरोख्त करने वाले सेक्टर-35 निवासी पवन ने बताया कि इस बार करीब 10 लाख दीया बिकने की उम्मीद जताई जा रही है। नवरात्र से ही दीया की बुकिंग का काम शुरू हो जाता है। अब तक पांच लाख से अधिक दीया बिक चुके हैं। वहीं, दीया तैयार करने वाले चन्नी ने बताया कि इस बार बारिश ने काम पर खलल डाला। समय रहते दीया नही बन सके, इसके चलते थोड़ा नुकसान जरूर हुआ है।
चाइनीज ही नही स्वदेशी झालरों की भी मांग बढ़ी
सेक्टर-49 बरौला के व्यापारी शिवा चौहान ने बताया कि झालरों में भी इस बार चाइनीज उत्पाद के साथ स्वदेशी झालरों का संगम देखने को मिल रहा है। देसी कंपनियों ने एलईडी आधारित झालरों के कई नए मॉडल लांच किए हैं, जो ऊर्जा की बचत के साथ लंबी अवधि तक चलते हैं। इनकी कीमत 40 रुपये प्रति लड़ी से लेकर करीब 100 रुपए प्रति लड़ी भी है, आमतौर पर इनकी लंबाई 15 मीटर होती है। इसी के अनुसार लोग थोक में या फिर रिटेल में इनकी खरीदारी कर रहे हैं।