उत्तर प्रदेश, महाकुम्भ नगर : महाकुम्भ 2025: संगम क्षेत्र में 12 किमी में स्नान के लिए तैयार हुए घाट, सुरक्षा इंतजाम चाक चौबंद
उत्तर प्रदेश, महाकुम्भ नगर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयागराज दौरे से पहले तैयारी जोरों पर
उत्तर प्रदेश, 08 जनवरी – महाकुम्भ नगर।
महाकुम्भ 2025 को लेकर संगम तट पर 12 किलोमीटर के क्षेत्रफल में स्नान के लिए घाटों का निर्माण हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयागराज दौरे से पहले सभी घाटों पर लाइटिंग की व्यवस्था, पुआल, कांसा और बोरों में मिट्टी भरकर सीढ़ियां तैयार हो रहीं हैं। महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।
सफाई, निर्माण और सुरक्षा पर फोकस
महाकुम्भ के उप मेला अधिकारी अभिनव पाठक ने बताया कि 12 किलोमीटर के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था और घाटों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। संगम क्षेत्र के प्रमुख घाटों को नए सिरे से विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे को देखते हुए सफाई, निर्माण और सुरक्षा कार्यों को और तेजी से पूरा किया गया है।
प्रमुख घाटों का निर्माण और सुविधाएं
महाकुम्भ के दौरान संगम तट पर गंगा और यमुना के किनारे सात पक्के घाट बनाए गए हैं। ये घाट स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तैयार किए हुए हैं।
दशाश्वमेध घाट (गंगा नदी): 110 मीटर लंबा और 95 मीटर चौड़ा यह घाट सिटिंग प्लाजा, चेंजिंग केबिन, पार्किंग, यज्ञशाला, आरती स्थल और मेडिटेशन सेंटर जैसी सुविधाओं से सुसज्जित होगा।
किला घाट (यमुना नदी): संगम के पास स्थित यह घाट 60 मीटर लंबा और 70 मीटर चौड़ा होगा। यह स्नानार्थियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए तैयार किया जा रहा है।
सरस्वती घाट (यमुना नदी): 30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा यह घाट स्नान और अन्य गतिविधियों के लिए उपयोगी होगा।
मोरी घाट (यमुना नदी): 30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा, यह घाट के पास स्थित है।
काली घाट (गंगा नदी): 30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा यह घाट अंत्येष्टि स्थल के पास है।
छतनाग घाट: गंगा के बाएं किनारे पर स्थित यह घाट 30 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा होगा।
महेवा घाट (यमुना नदी): भैरव मंदिर के समीप स्थित इस घाट की लंबाई 30 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर होगी।
सुरक्षा और सफाई के विशेष इंतजाम
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए चेंजिंग रूम
सभी घाटों पर महिलाओं और लड़कियों के लिए अलग से चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।
प्रतीक चिन्ह और सिंबल
हर घाट पर अलग-अलग प्रतीक चिन्ह (डमरु, त्रिशूल आदि) लगाए जा रहे हैं, ताकि लोगों को घाटों की पहचान में आसानी हो।
वॉच टावर और बैरिकेडिंग:
संगम पर निगरानी के लिए वॉच टावर लगाए जा रहे हैं। सभी घाटों पर जल बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जा रही है।
नावों के लाइसेंस और क्षमता जांच:
सभी नावों की टेस्टिंग की जा रही है। उनकी क्षमता और लाइसेंस नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे।
जल पुलिस अलर्ट:
सुरक्षित स्नान के लिए जल पुलिस को पूरी तरह सतर्क रखा गया है।