उत्तर प्रदेश, लखनऊ: यूपी पुलिस ने एक और अवैध धर्मांतरण गिरोह का किया भंडाफोड़
उत्तर प्रदेश, लखनऊ: - पुलिस ने छापेमारी कर दोनों सगी बहनों को कोलकाता से किया बरामद

उत्तर प्रदेश, लखनऊ, 19 जुलाई: योगी सरकार अवैध धर्मांतरण को लेकर लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। योगी सरकार की पुलिस ने अवैध धर्मांतरण को रैकेट चलाने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ एक्शन के बाद एक और बड़े अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह प्रदेश में युवतियों को बरगलाकर, प्रलोभन देकर और कट्टरपंथी सोच के जरिए अवैध धर्मांतरण कराने में संलिप्त था। पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए विभिन्न राज्यों से 10 आरोपियों को अरेस्ट किया है।
अवैध धर्मांतरण के लिए कनाडा, अमेरिका और दुबई से हो रही फंडिंग
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए प्रदेशभर में मिशन अस्मिता चलाया जा रहा है। ऐसे में पुलिस को आगरा से दो सगी बहनों के लापता होने की सूचना मिली। पुलिस ने मामले की जांच कि तो अवैध धर्मांतरण का पूरा खेल सामने आया। जांच में पता चला कि दोनों लड़कियों का ब्रैन वॉश कर अवैध धर्मांतरण किया गया। इसके बाद पुलिस ने मामले की तह तक जाना शुरू किया। इस दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। डीजीपी ने बताया कि अवैध धर्मांतरण के लिए कनाडा, अमेरिका और दुबई समेत कई देशों से करोड़ों रुपये की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग मिली थी, जिसका उपयोग देश में धार्मिक कट्टरता फैलाने और लड़कियों को बहलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने में किया जा रहा था। इनके तौर-तरीके, फंडिंग का दायरा और कार्यशैली आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों की तर्ज पर ही संचालित होती दिखीं। पुलिस ने जांच के दौरान छह राज्यों से 10 आरोपियों को अरेस्ट किया है, जिसमें एक लड़की भी शामिल है।
अवैध धर्मांतरण के आरोपियों को दबोचने के लिए बनायी गयीं सात टीमें
डीजीपी ने बताया कि आगरा से लापता लड़कियों के मामले की जांच की कमान पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार को दी गयी। इस पर पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने मामले की जांच के लिए सात टीमें बनायीं। इस दौरान सर्विलांस, साइबर सेल से पुलिस को अहम जानकारियां मिलीं। उसके बाद पुलिस ने छापेमारी शुरू की। वहीं टीम को कोलकाता भेजा गया, जहां आगरा से लापता दोनों सगी बहनों के बारे में जानकारी जुटाने के बाद उन्हे सुरक्षित किया गया। इसके बाद दोनों बहनों से विभिन्न जानकारी जुटाई गयी। फिर टीम ने 6 अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया। अभी तक की शुरुआती जांच में इस गिरोह के पीएफआई, एसडीपीआाई और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से संबंध होने के संकेत मिले हैं। डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी पुलिस अपराध और राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत पूरी सख्ती से कार्रवाई कर रही है।
आईएसआईएस के कट्टरपंथी मॉड्यूल पर काम कर रहे अवैध धर्मांतरण गिरोह
डीजीपी ने बताया कि मिशन अस्मिता के तहत इससे पहले भी कई संगठित अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ हो चुका है। इसी मिशन के तहत पहले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर आलम कासमी जैसे आरोपी गिरफ्तार किए गए थे, जिन्होंने सैकड़ों लोगों का जबरन या बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करवाया था। आगरा प्रकरण में पकड़े गए आरोपी, विशेषकर युवतियों और नाबालिग लड़कियों को प्यार, नौकरी, आर्थिक मदद और धर्म से जुड़ी भ्रांतियों के माध्यम से फंसाते थे। उन्हें पहले भावनात्मक रूप से अपने जाल में फंसाया जाता और फिर दबाव या प्रलोभन के जरिए इस्लाम में धर्मांतरण कराया जाता। इसी कड़ी में हाल में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के अवैध धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट का भी पर्दाफाश किया गया। इसमें एसटीएफ और एटीएस की जांच जारी है। यह कार्यपद्धति आईएसआईएस के कट्टरपंथी मॉड्यूल जैसी ही थी। यह गिरोह सोशल मीडिया, डार्क वेब और कुछ मोबाइल ऐप्स के माध्यम से युवाओं को मानसिक रूप से कट्टर बनाकर उन्हें धर्मांतरण के लिए तैयार करता था।
इन आरोपियों को किया गया अरेस्ट
1. आयशा (एस.बी. कृष्णा) – गोवा
2. अली हसन (शेखर रॉय) – कोलकाता
3. ओसामा- कोलकाता
4. रहमान कुरैशी- आगरा
5. अब्बू तालिब- खालापार, मुजफ्फरनगर
6. अबुर रहमान- देहरादून
7. मोहम्मद अली- जयपुर, राजस्थान
8. जुनैद कुरैशी- जयपुर
9. मुस्तफा (मनोज)- दिल्ली
10. मोहम्मद अली- जयपुर
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