
नई दिल्ली, 17 अक्तूबर : अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन -आरोह 2024 का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने वीरवार को नई दिल्ली में किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा, मैं आयुर्वेद का प्रबल अनुयायी हूँ। विशिष्ट बीमारियों का उपचार करने से परे, आयुर्वेद दवा, पोषण, ध्यान, योग और जीवनशैली संतुलन के माध्यम से समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है। यह पीढ़ीगत पारिवारिक ज्ञान में निहित है जो एकीकृत कल्याण में मदद करता है। साथ ही आयुर्वेदिक प्रथाओं की नींव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनके साथ आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव, सचिव वीडी राजेश कोटेचा और गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर की निदेशक (अंतरिम) डॉ. श्यामा कुरुविला प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
जाधव ने कहा, जैसा कि हम आयुर्वेद की विशाल संभावनाओं का पता लगाने के लिए एकत्र हुए हैं, मैं पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकृत करने के लिए आपके समर्पण की सराहना करता हूं, जो समय की मांग है। यह सम्मेलन समग्र स्वास्थ्य सेवा समाधानों की हमारी खोज में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, राजेश कोटेचा ने कहा, आयुष मंत्रालय अगले पांच वर्षों में आयुर्वेद की 5 प्रमुख वनस्पतियों को विकसित करेगा। इनके लिए विश्व स्तर पर स्वीकृत पारंपरिक चिकित्सा के बराबर एक बेंचमार्क विकसित किए जा रहे हैं। एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा, सम्मेलन में तीन दिवसीय कार्यशाला और 15 वैज्ञानिक सत्र शामिल किए गए हैं, जिसमें 400 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
74 से अधिक देशों व संगठनों ने लिया भाग
इस सम्मेलन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन, एफआईजीजेड जर्मनी, एआईएसटी जापान, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया, यूएचएन कनाडा और आईजीआईबी एम्स, सीएसआईआर और आईआईटी जैसे राष्ट्रीय संस्थानों व संगठनों के साथ 74 से अधिक देशों के अकादमिक और वैज्ञानिक मौजूद रहे।