भारत

रेकी कर वाहन चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश

रेकी कर वाहन चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश

अभिषेक ब्याहुत

नोएडा। सेक्टर-24 पुलिस ने रेकी करने के बाद वाहन चुराने वाले गिरोह का मंगलवार को पर्दाफाश कर चार बदमाशों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने गिरोह में शामिल एक नाबालिग को भी पकड़ा। आरोपी चोरी बाइक से टोह लेते थे। उनकी निशानदेही पर चोरी की सात बाइक, दो स्कूटी और एक कार बरामद हुई। गिरफ्त में आए बदमाशों के खिलाफ सेक्टर-24 थाने में 13 केस दर्ज हैं।
एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि सेक्टर-24 थाने की पुलिस क्षेत्र में गश्त कर रही थी। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि रेकी कर वाहनों की चोरी करने वाले गिरोह के कई बदमाश वारदात को अंजाम देने की फिराक में घूम रहे हैं। इसी दौरान सेक्टर-12/22/56 तिराहे पर दो बाइक पर चार युवक सवार होकर गुजरे। संदिग्ध लगने पर बाइक सवारों को रोका गया तो सभी भागने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने चारों बाइक सवार और पीछे से आ रहे उसके नाबालिग साथी को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान पांचों ने बताया कि शे दिल्ली-एनसीआर में वाहनों की चोरी करते हैं। आरोपियों की पहचान सेक्टर-22 निवासी आरिफ उर्फ जायमुल, राजेश और अंकित और दिल्ली के कोंडली निवासी अनकेश के रूप में हुई। उनकी निशानदेही पर कई वाहनों की बरामदगी हुई है। बरामद वाहनों में से दो वाहनों को दिल्ली से, जबकि एक को सेक्टर-24 थाना क्षेत्र से चुराया गया था। अन्य वाहनों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। गिरोह में कुल नौ लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है। अन्य चार आरोपियों की तलाश की जा रही है।

झाड़ियों में छिपाते थे वाहन

थाना प्रभारी ने बताया कि गिरोह के बदमाशों ने अब तक करीब 40 वाहनों की चोरी की है। सुनसान जगहों और घरों से बाहर खड़े वाहनों को चुराने के बाद गिरोह के बदमाश झाड़ियों में ले जाकर उसे खड़ा कर देते थे। एक बदमाश वहां हमेशा मौजूद रहता था ताकि कोई वाहन को उठाकर न ले जा सके। वारदात के करीब दो सप्ताह बाद बदमाश चोरी के वाहनों की नंबर प्लेट बदल देते थे और उसे राहगीरों को मजबूरी बताकर महज पांच से दस हजार रुपये में बेच देते थे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में भी चोरी के वाहनों को खपाया जाता था।

आठवीं तक पढ़े हैं बदमाश:

पुलिस के मुताबिक गिरफ्त में आए आरोपियों की उम्र 25 साल के कम है। इनमें कोई अनपढ़ है तो कोई महज आठवीं पास है। आरिफ की उम्र 19 साल, अनकेश की 24, अंकित की 25 और राजेश की 19 साल है। एक अन्य आरोपी किशोर है। पुलिस का दावा है कि आरोपी नशे के आदी हैं। चोरी के वाहनों को बेचकर, जो रकम मिलती थी, आरोपी उसे आपस में बांट लेते थे और उसी से अपने सारे शौक पूरे करते थे। जब पैसे खत्म हो जाते थे तो गिरोह के सदस्य फिर से वारदात करने लगते थे। आरिफ, अनकेश और अंकित ने करीब दो साल पहले वाहन चोरी करने वाला गिरोह बनाया और उसमें बेरोजगार युवकों को जोड़ना शुरू किया।

रात में करते थे वारदात

पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि वे दिन में वाहनों की रेकी करते थे और रात में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। दोपहिया वाहनों के लॉक को तोड़ने के लिए आरोपी महज तीस से 40 सेकेंड का समय लेते थे। जहां भी बदमाश वारदात करते थे, वहां गिरोह के तीन सदस्य मौजूद होते थे। दो आरोपी चोरी की वारदात करते थे, जबकि एक अन्य आसपास नजर रखता था ताकि गिरफ्तारी की आशंका पर अपने साथियों को पहले ही सचेत कर सके। आरोपियों से चोरी के वाहन कौन खरीदता था, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button