
नई दिल्ली, 20 सितंबर : एओर्टिक या महाधमनी संबंधी रोगों के निदान और इलाज के लिए फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ओखला में एक विशेष एओर्टा सेंटर स्थापित किया गया है जिसका उद्घाटन लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने शुक्रवार को किया।
इस सेंटर में महाधमनी रोगों से पीड़ित मरीजों को सर्जिकल इंटरवेंशन के अलावा एंडोवेसक्यूलर इंटरवेंशन, रेडियोलॉजिकल डायग्नोसिस तथा हाइब्रिड इंटरवेंशन की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। सेंटर सप्ताह के सातों दिन काम करेगा और यहां सोमवार, बुधवार तथा शुक्रवार अपराह्न में ओपीडी क्लीनिक की सुविधा उपलब्ध होगी। इस अवसर पर मनोज तिवारी ने कहा, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ने एडवांस टेक्नोलॉजी, इनोवेटिव उपचार और मरीज-केंद्रित देखभाल के जरिये कार्डियक केयर के क्षेत्र में नेतृत्व किया है। इस सेंटर का लॉन्च मरीजों के लिए निश्चित रूप से फायदेमंद साबित होगा।
फोर्टिस हेल्थकेयर के एमडी डॉ आशुतोष रघुवंशी ने कहा, भारत में लगभग तीन से चार लाख लोग हर साल अलग-अलग किस्म के एओर्टिक विकारों के शिकार बनते हैं, लेकिन इनमें से करीब 1,000 को ही पर्सनलाइज़्ड इलाज मिल पाता है। इन रोगों के मामले में शीघ्र डायग्नॉसिस काफी महत्वपूर्ण है और यदि समय पर रोग का पता चलता है तो सफलता की दर 95%से अधिक हो सकती है। हमारा नया एओर्टा सेंटर हर उम्र के मरीजों की जरूरतें पूरी करने के मुताबिक बनाया गया है। डॉ शिव चौधरी ने कहा, एओर्टा संबंधी रोग अब युवाओं और बुजुर्गों दोनों ही आबादी समूहों को प्रभावित कर रहे हैं। 75% से अधिक एओर्टिक एन्यूरिज़्म और डिसेक्शंस के लिए हाइ ब्लड प्रेशर तथा एथेरोस्क्लेरॉसिस जिम्मेदार है।
क्या है एओर्टिक रोग ?
यह हृदय के एओर्टिक वाल्व से रक्त लेकर ऑक्सीजन युक्त रक्त को मस्तिष्क, जिगर, आंतों, गुर्दों, एवं शरीर के अन्य अंगों एवं ऊतकों तक पहुंचाने का काम करती है। महाधमनी को प्रभावित करने वाले विकार और स्थितियों को महाधमनी रोग कहा जाता है। महाधमनी वाल्व के माध्यम से रक्त को स्थानांतरित करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है। व्यक्ति का हृदय रक्त को धकेलने के लिए जितना काम करना चाहिए, उससे अधिक काम करता है। इससे दिल का दौरा पड़ सकता है या अचानक हृदय की मृत्यु हो सकती है।कुछ सामान्य एओर्टिक रोगों में एओर्टिक एन्यूरिज़्म, एओर्टिक डिसेक्शन तथा एओर्टा में अवरोधी घाव प्रमुख हैं।