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Noida Industrial Growth: औद्योगिक विकास में नोएडा का दबदबा कायम, यीडा क्षेत्र में 94% प्लॉट खाली, सर्वे में बड़ा खुलासा

Noida Industrial Growth: औद्योगिक विकास में नोएडा का दबदबा कायम, यीडा क्षेत्र में 94% प्लॉट खाली, सर्वे में बड़ा खुलासा
नोएडा। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की रफ्तार का ताजा सर्वेक्षण चौंकाने वाला रहा है। राज्यव्यापी औद्योगिक सर्वे के अनुसार, नोएडा प्रदेश का सबसे विकसित और सक्रिय औद्योगिक केंद्र बनकर उभरा है, जबकि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में सबसे कम औद्योगिक गतिविधियां पाई गई हैं। सर्वे से खुलासा हुआ है कि यीडा क्षेत्र के लगभग 94 प्रतिशत औद्योगिक भूखंड अब भी खाली हैं, जबकि नोएडा में सिर्फ 6 प्रतिशत प्लॉट खाली बचे हैं। यह अंतर प्रदेश में औद्योगिक निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति पर एक बड़ा संकेत देता है।

राज्य सरकार के ‘इन्वेस्ट यूपी’ की ओर से चलाए जा रहे इस सर्वेक्षण का लगभग 77 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसमें सात प्रमुख औद्योगिक विकास प्राधिकरण — नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा (YEIDA), यूपीसीडा (UPSIDA), जीडा (GIDA), सीडा (SIDA) और यूपीईडा (UPEIDA) — के अंतर्गत आने वाले कुल 33,493 औद्योगिक भूखंडों की स्थिति की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि कुल 8,235 यानी करीब 25 प्रतिशत प्लॉट अब भी खाली हैं।
गौतमबुद्ध नगर जिले के यीडा क्षेत्र की स्थिति सर्वाधिक चिंताजनक बताई गई है। यहां कुल 3,476 औद्योगिक भूखंडों में से 3,264, यानी लगभग 94 प्रतिशत पर कोई औद्योगिक गतिविधि नहीं हो रही। फिलहाल केवल 8 प्लॉटों पर उद्योग चल रहे हैं, जबकि 198 प्लॉटों पर निर्माण कार्य जारी है। 6 प्लॉट निष्क्रिय स्थिति में हैं। अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश प्लॉट कई साल पहले आवंटित किए गए थे, लेकिन आवंटियों ने निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। यीडा प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि यदि इन पर जल्द कार्य आरंभ नहीं हुआ तो आवंटन रद्द कर दोबारा नीलामी की जाएगी।

ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है। यहां कुल 2,677 औद्योगिक भूखंडों में से 416, यानी लगभग 16 प्रतिशत, अब भी खाली हैं। 1,624 प्लॉटों पर उद्योग संचालित हो रहे हैं, 311 पर निर्माण कार्य जारी है और 326 भूखंड निष्क्रिय स्थिति में हैं। अधिकारियों ने बताया कि औद्योगिक विकास की गति स्थिर है, लेकिन नोएडा की तुलना में धीमी बनी हुई है। इसकी मुख्य वजह पुराने औद्योगिक इलाकों में वित्तीय चुनौतियां और कानूनी विवाद हैं।
दूसरी ओर, नोएडा औद्योगिक क्षेत्र ने पूरे प्रदेश में सबसे प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। यहां कुल 7,742 औद्योगिक भूखंडों में से 5,308 पर उद्योग पूरी तरह संचालित हैं। केवल 497 भूखंड यानी 6 प्रतिशत खाली पाए गए हैं। 802 यूनिटों पर निर्माण कार्य चल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, टेक्सटाइल, स्टार्टअप्स और अन्य उभरते क्षेत्रों में निवेश के अनुकूल माहौल होने के कारण नोएडा प्रदेश का सबसे सशक्त औद्योगिक केंद्र बन गया है।

तीनों प्रमुख प्राधिकरणों — नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा — में करीब 14 हजार औद्योगिक भूखंड हैं, जिनमें से लगभग 4 हजार अभी तक खाली हैं। अधिकारियों का मानना है कि इन प्लॉटों के पुनः आवंटन से बड़े पैमाने पर रोजगार और निवेश को बढ़ावा मिल सकता है। विशेष रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण, डेटा सेंटर और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में यह कदम औद्योगिक क्रांति को नई दिशा दे सकता है।
यह सर्वे इन्वेस्ट यूपी और रामटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ‘निवेश मित्र’ पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक औद्योगिक इकाई की जियो-टैगिंग के साथ-साथ GST, MSME और CIN डेटा का भी सत्यापन किया जा रहा है। इस पहल से राज्य सरकार को वास्तविक औद्योगिक स्थिति का स्पष्ट चित्र मिल सकेगा और भविष्य की नीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।

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