
नई दिल्ली, 11 मार्च : होली और ईद के अवसर पर दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़ने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने डेयरी एनालॉग्स पर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में राष्ट्रीय खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे मार्च के पूरे महीने में डेयरी एनालॉग्स पर निगरानी बढ़ाएं ताकि त्यौहारी मौसम की अवधि के दौरान खाद्य मिलावट और गलत लेबलिंग को रोका जा सके। साथ ही उपभोक्ताओं के साथ संभावित धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सके। एफएसएसएआई के मुताबिक खाद्य मिलावट से निपटने और खाद्य सुरक्षा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य प्राधिकरणों को कठोर परीक्षण और लेबल परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।
क्या है डेयरी एनालॉग्स ?
ये ऐसे उत्पाद हैं जिनमें गैर-दूध घटक आंशिक रूप से या पूरी तरह से दूध के घटकों की जगह लेते हैं लेकिन दिखने, बनावट और कार्यक्षमता में दूध या दूध उत्पादों से मिलते जुलते हैं। डेयरी एनालॉग को दूध, दूध उत्पाद या मिश्रित दूध उत्पाद नहीं माना जाता है। जब मानकीकृत दूध उत्पादों को दूध वसा या दूध प्रोटीन जैसे प्रमुख दूध घटकों को वनस्पति तेल, वसा या प्रोटीन से बदलकर संरचनात्मक रूप से बदल दिया जाता है, तो परिणामी उत्पाद को एनालॉग के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।