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नई दिल्ली: स्वस्थ भारत के बिना विकसित भारत नहीं : अनुप्रिया पटेल

नई दिल्ली: - नवोदित डॉक्टर करें व्यक्तिगत विकास, बनें कंपेशनेट हीलर, बनाएं विकसित भारत

नई दिल्ली, 24 जुलाई : आपकी शैक्षिक यात्रा भले ही आज पूरी हो गई हो, लेकिन जीवन की चुनौतियां अब शुरू होंगी। इन चुनौतियों से निपटने में आपका अनुभव ही काम आएगा जो आपने कोविड-19 महामारी के कठिन दौर में काम करने के दौरान प्राप्त किया है। ये अनुभव आपके व्यक्तिगत विकास में भी योगदान देगा और आपको समाज के प्रति योगदान देने के लिए भी प्रेरित करेगा।

यह बातें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के वार्षिक दीक्षांत समारोह में नवोदित डॉक्टरों को संबोधित करने के दौरान कहीं। उन्होंने मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए। पटेल ने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बना लिया जाए, क्योंकि हम अब विकासशील राष्ट्र की पहचान को जारी नहीं रखना चाहते।

पटेल ने कहा, विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्र सरकार लगातार अभियान चला रही है जिसमें स्वच्छ भारत, स्वच्छ पेयजल और उज्जवला योजना के साथ आयुष्मान भारत -प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शामिल है। सरकार यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के माध्यम से जनता को पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज और किफायती व गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध करा रही है। चूंकि स्वस्थ भारत के बिना विकसित भारत नहीं बन सकता है।

केंद्रीय मंत्री पटेल के मुताबिक, एक मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता, बढ़ी हुई सरकारी निधि, सही नीति और सही रणनीति के साथ, स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2% हो गया है, और हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में बताए गए 2.5% व्यय के लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ रहे हैं। इस दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल और स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा के साथ अस्पताल निदेशक, अधीक्षक और प्रिंसिपल के साथ डॉ. अनुपम प्रकाश, डॉ. शिव कुमार, डॉ. शारदा पात्रा, डॉ. कुसुम मीणा आदि मौजूद रहे।

डॉ. विनोद के. पॉल ने कहा कि यह वास्तव में हमारे छात्रों, उनके गौरवान्वित माता-पिता और समर्पित शिक्षकों के जीवन का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन मेडिकल छात्र से डॉक्टर बनने और स्नातक से स्नातकोत्तर बनने के एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। एमबीबीएस स्नातकों के लिए, यह मानवता और राष्ट्र दोनों की सेवा करने का पहला अवसर है। यह जिम्मेदारी, वादे और गर्व से भरा क्षण है।

48 मेडिकल ग्रेजुएट ने जीते 105 मैडल
दीक्षांत समारोह में दो बैच के 480 ग्रेजुएट को एमबीबीएस की डिग्री और 200 पोस्ट ग्रेजुएट को एमडी, एमएस, डीएम और एमसीएच की डिग्री प्रदान की गई। वहीं, मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले 48 छात्रों को स्वर्ण, रजत व कांस्य सहित 105 मैडल प्रदान किए गए।

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