
नई दिल्ली, 24 जुलाई : मूत्र असंयम, गुर्दे की पथरी और प्रोस्टेट कैंसर जैसे रोगों का इलाज अब सफदरजंग अस्पताल में आसानी से संभव हो सकेगा। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित उन्नत मशीनें खरीदी जाएंगी जो पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) सीएसआर कार्यक्रम के तहत अस्पताल को उपलब्ध कराएगा।
इस संबंध में वीरवार को सफदरजंग अस्पताल के निदेशक डॉ. संदीप बंसल और पावरग्रिड के निदेशक डॉ. यतीन्द्र द्विवेदी एवं कार्यकारी निदेशक जसबीर सिंह ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी जहां मूत्र रोग उपचार संबंधी अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद को सुगम बनाएगी। वहीं, रोगी देखभाल और उपचार परिणामों में क्रांति लाएगी। इन उपकरणों में नियर इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी युक्त वीडियो यूरोडायनामिक मशीन, ट्रिलॉजी लिथोट्रिप्टर ( पथरी तोड़ने वाला उपकरण), थुलियम फाइबर लेजर मशीन और पोर्टेबल मोबाइल एंडोस्कोपी मशीन शामिल हैं।
यूरोलॉजी एवं रीनल ट्रांसप्लांट के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. पवन वासुदेवा ने कहा कि इन मशीनों के आने से मूत्र संबंधी प्रक्रियाओं को संपन्न करने में तेजी आएगी जिससे मरीजों के प्रतीक्षा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चारु बांबा, एएमएस डॉ. आर. पी. अरोड़ा, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. रेखा तिर्की, डॉ. तिलक राज और उप निदेशक (प्रशासन) अशोक पाल उपस्थित रहे।
1. नियर इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी युक्त वीडियो यूरोडायनामिक मशीन: यह स्वर्ण-मानक नैदानिक उपकरण मूत्राशय की समस्याओं वाले रोगियों का वास्तविक समय में मूल्यांकन करने में सक्षम होगा, विशेष रूप से मूत्राशय के कार्य को प्रभावित करने वाली तंत्रिका संबंधी स्थितियों वाले रोगियों को लाभ पहुंचाएगा।
2. ट्रिलॉजी लिथोट्रिप्टर: एक उन्नत पथरी तोड़ने वाला उपकरण जो दो ऊर्जा रूपों और सक्शन का एक साथ उपयोग करता है, जिसे तेज़ रिकवरी, अधिक कुशल उपचार समय और पथरी की सर्जरी के लिए कम प्रतीक्षा अवधि प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
3. थुलियम फाइबर लेजर मशीन: प्रोस्टेट की लेजर सर्जरी और आरआईआरएस (रेट्रोग्रेड इंट्रारेनल सर्जरी) प्रक्रियाओं, दोनों के लिए एक परिष्कृत लेजर प्रणाली, जो न्यूनतम इनवेसिव उपचार विकल्पों को बढ़ाती है।
4. पोर्टेबल मोबाइल एंडोस्कोपी मशीन: एक अत्याधुनिक 3-इन-1 एंडोस्कोपी प्रणाली जो सफदरजंग अस्पताल को एंडोयूरोलॉजिकल आपातकालीन सेवाएँ शुरू करने में सक्षम बनाएगी।
5. उन्नत डायग्नोस्टिक उपकरण: इस साझेदारी में एक फ्लैट पैनल सी आर्म, नेफ्रोस्कोप सेट और रिसेक्टोस्कोप सेट की खरीद भी शामिल है, जो लगभग 70-80% यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओं के लिए तकनीकी आधार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मूत्र रोग, जिसे मूत्र संबंधी रोग भी कहा जाता है। यह समस्या शरीर से मूत्र को छानने और बाहर निकालने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। इसमें गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग शामिल हैं। मूत्र रोगों के कुछ सामान्य प्रकारों में शामिल हैं: मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई): यह संक्रमण मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से में हो सकता है, जैसे कि गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय या मूत्रमार्ग। मूत्र असंयम: यह समस्या मूत्राशय को नियंत्रित करने में असमर्थता है, जिससे अनैच्छिक रूप से पेशाब निकल जाता है। गुर्दे की पथरी: ये गुर्दे में बनने वाले छोटे, कठोर जमाव होते हैं जो पेशाब के रास्ते में रुकावट पैदा कर सकते है। मूत्राशय का कैंसर: यह कैंसर मूत्राशय की परत में शुरू होता है। प्रोस्टेट रोग का निदान करने के लिए, डॉक्टर आमतौर पर शारीरिक परीक्षण, रक्त परीक्षण (जैसे पीएसए परीक्षण), और मूत्र परीक्षण करते हैं। कुछ मामलों में, इमेजिंग परीक्षण (जैसे अल्ट्रासाउंड या एमआरआई) और प्रोस्टेट बायोप्सी की भी आवश्यकता हो सकती है।
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