
नई दिल्ली, 19 सितम्बर: भारतीय तटरक्षक जहाज ‘अदम्य’ का जलावतरण रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्यजीत मोहंती ने शुक्रवार को ओडिशा के पारादीप बंदरगाह पर किया। यह आईसीजी को मिलने वाले आठ तीव्र गश्ती पोतों (एफपीवी) की श्रृंखला का पहला पोत है जिसे अदम्य भावना के अनुरूप ना दबाया जा सकता है और ना वश में किया जा सकता है।
अदम्य के जलावतरण समारोह में तटरक्षक मुख्यालय पूर्वी समुद्र तट के महानिरीक्षक योगिंदर ढाका और केंद्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। इस 51 मीटर लंबे एफपीवी को मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया है और यह 60% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ आत्मनिर्भर भारत का उपयुक्त उदाहरण है, जिससे सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत की समुद्री शक्ति को मजबूती मिल रही है।
यह 28 नॉट की अधिकतम गति प्राप्त करने के लिए दो 3000 किलोवाट के डीजल इंजन द्वारा संचालित होता है। इसके हथियारों में एक 30 मिमी सीआरएन 91 गन और दो 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल्ड मशीन गन शामिल हैं। यह पोत 5 अधिकारियों और 34 कार्मिकों के साथ पारादीप में तैनात रहेगा जिसकी कमान कमांडेंट (जेजी) अनुराग पांडे को सौंपी गई है। इस पोत के जरिये समुद्री क्षेत्रों की निगरानी के साथ भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए तटरक्षक चार्टर में निहित अन्य कर्तव्यों का निर्वहन किया जाएगा
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