उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद शराब की दुकानों के लिए महिलाओं से लेकर बुजुर्गों कर रहे आवेदन
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद शराब की दुकानों के लिए महिलाओं से लेकर बुजुर्गों कर रहे आवेदन

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति ने शराब कारोबारियों को कठिनाई में डाल दिया है। हालाँकि, इन कारोबारियों ने इस नीति का समाधान भी खोज लिया है। उन्होंने अपने परिजनों और रिश्तेदारों के नाम पर शराब की दुकानों के आवंटन के लिए आवेदन किए हैं।
गाजियाबाद में शराब की दुकानों के आवंटन की नई शर्तों ने कारोबारियों के लिए चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। नई नीति के अनुसार, एक व्यक्ति को पूरे प्रदेश में अधिकतम दो दुकानों का ही आवंटन किया जाएगा। लेकिन कारोबारियों ने इस नियम का भी तोड़ निकाल लिया है। वे अपने बुजुर्ग माता-पिता, भाई, पत्नी, बहू, दामाद, भरोसेमंद रिश्तेदारों और मित्रों के नाम पर शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस के आवेदन करवा रहे हैं। कुछ कारोबारियों ने तो अपनी 72 साल की मां के नाम पर 95 लाख रुपये की हैसियत प्रमाणपत्र बनाकर पांच दुकानों के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा, एक कारोबारी ने अपनी नई बहू के नाम से भी यही प्रक्रिया अपनाई है।।शराब कारोबारी अपने बुजुर्ग माता-पिता और रिश्तेदारों के नाम पर फार्म खरीदकर शराब की दुकानों के लिए आवेदन कर रहे हैं। कुछ ने अपनी पुत्रवधू के नाम पर भी हैसियत प्रमाणपत्र बनवाकर आवेदन किए हैं। इस बीच, एक 80 वर्षीय बुजुर्ग भी अपने शराब कारोबारी बेटों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए आवेदनकर्ता बन गए हैं। सभी की नजर 6 मार्च को होने वाली लॉटरी पर टिकी हुई है। आबकारी विभाग के अनुसार, गाजियाबाद में करीब 268 शराब और बियर की दुकानें हैं, जिनमें 136 शराब की और 132 बियर की दुकानें शामिल हैं। नई नीति के तहत इनकी संख्या को घटाकर 192 कर दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि भले ही दुकानों की संख्या में कमी आई है, लेकिन उपलब्धता बढ़ाई गई है। जिला आबकारी अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि नई नीति से राजस्व में वृद्धि होगी, और पिछले सालों की तुलना में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। इस बार ई-लॉटरी सिस्टम से दुकानों का आवंटन किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 31 मार्च तक सभी प्रक्रियाएँ खत्म करके नई प्रणाली से दुकानों का संचालन शुरू किया जाएगा। गाजियाबाद सहित पूरे प्रदेश में 6 मार्च को ई-लॉटरी के माध्यम से दुकानों की नीलामी होगी। हर मंडल में लॉटरी के लिए समय निर्धारित किया गया है, और मेरठ मंडल के जिलों में शाम को ई-लॉटरी द्वारा शराब की दुकानों का आवंटन किया जाएगा।