International Tea Day 2025: जानिए कब और क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस, कौन-कौन से हैं भारत के फेमस चाय फ्लेवर
International Tea Day हर साल 21 मई को मनाया जाता है। जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और भारत की लोकप्रिय चाय जैसे दार्जिलिंग, असम, नीलगिरि और मसाला चाय के बारे में।

International Tea Day हर साल 21 मई को मनाया जाता है। जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और भारत की लोकप्रिय चाय जैसे दार्जिलिंग, असम, नीलगिरि और मसाला चाय के बारे में।
International Tea Day 2025: इस दिन क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस, जानिए भारत की फेमस चाय के फ्लेवर
एक कप चाय, सिर्फ एक पेय पदार्थ नहीं बल्कि भावनाओं, बातचीत और संस्कृति का प्रतीक है। हर सुबह की शुरुआत से लेकर थकान मिटाने तक, चाय हर भारतीय की दिनचर्या का अहम हिस्सा है। ऐसे में हर साल 21 मई को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day), ताकि दुनिया भर में चाय की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक अहमियत को स्वीकार किया जा सके।
कब और कैसे शुरू हुआ International Tea Day?
International Tea Day की शुरुआत साल 2005 में हुई थी, जब इसे पहली बार दक्षिण एशियाई देशों ने मनाना शुरू किया। लेकिन आधिकारिक तौर पर इसे संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई 2019 को मान्यता दी, जिसके बाद से हर वर्ष 21 मई को इसे वैश्विक स्तर पर मनाया जाने लगा।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य है –
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चाय उत्पादकों के अधिकारों की रक्षा,
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चाय के व्यापार और उत्पादन में पारदर्शिता लाना,
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और इससे जुड़े आर्थिक व सांस्कृतिक पहलुओं पर जागरूकता बढ़ाना।
International Tea Day: भारत की फेमस चाय और उनके फ्लेवर
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है। यहां की हर क्षेत्रीय चाय की अपनी खास पहचान है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख प्रकार की भारतीय चाय के बारे में।
1. दार्जिलिंग टी
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उत्पत्ति: पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग क्षेत्र
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विशेषता: हल्की, फूलों जैसी खुशबू, डेलिकेट स्वाद
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बनाने का तरीका: बिना दूध के, स्ट्रेट ब्लैक टी के रूप में
2. नीलगिरि टी
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उत्पत्ति: दक्षिण भारत के नीलगिरि हिल्स
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विशेषता: तेज़ खुशबू, संतुलित स्वाद
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फायदे: डाइजेशन के लिए अच्छी मानी जाती है
3. असम टी
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उत्पत्ति: असम के हरे-भरे चाय बागान
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विशेषता: गाढ़ा रंग, स्ट्रॉन्ग फ्लेवर
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बनाने का तरीका: अक्सर दूध और चीनी के साथ बनाई जाती है
4. मसाला चाय
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विशेषता: दूध, चीनी और अदरक, इलायची, दालचीनी जैसे मसालों का मिश्रण
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लोकप्रियता: भारत के हर घर और स्ट्रीट स्टॉल पर रोजाना इस्तेमाल
5. बटर टी
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उत्पत्ति: हिमालयी क्षेत्र, खासतौर पर लद्दाख और तिब्बत
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विशेषता: नमकीन स्वाद, बटर और नमक के साथ उबली हुई चाय
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उपयोगिता: सर्द मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए आदर्श
International Tea Day 2025 न केवल चाय की ऐतिहासिक विरासत को सम्मान देने का दिन है, बल्कि यह उन किसानों और श्रमिकों की मेहनत को भी सलाम करता है जो चाय को हमारे कप तक पहुंचाते हैं। इस दिन एक प्याली चाय के साथ उन अनगिनत यादों, स्वादों और अनुभवों का भी जश्न मनाएं जो इससे जुड़े हैं।
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