Indian Coast Guard: आईसीजी की पहल से मजबूत होगी नेशनल मैरीटाइम कैपेबिलिटी

Indian Coast Guard: आईसीजी की पहल से मजबूत होगी नेशनल मैरीटाइम कैपेबिलिटी
नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने नेशनल मैरीटाइम कैपेबिलिटी को मजबूत करने, आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बढ़ावा देने के लिए पहली शिपबिल्डिंग, इंडिजिनाइजेशन और आईटी कॉन्फ्रेंस आयोजित की। यह कांफ्रेंस कर्नाटक के मदिकेरी में हुई।
आईसीजी महानिदेशक परमेश शिवमणि ने इंडिजिनस इनोवेशन, मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और रेसिलिएंट सप्लाई चेन्स के माध्यम से शिपबिल्डिंग में आत्मनिर्भरता हासिल करने की रणनीतिक आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इंडियन शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री और इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स का समर्थन और तारीफ की।
कांफ्रेंस में देश के 200वें जहाज (चौथा पॉल्यूशन कंट्रोल शिप) की सफल प्रगति की चर्चा की गई, जिसका समुद्री परीक्षण चल रहा है। इसे आईसीजी टेक्नोक्रेट्स की तकनीकी समझ और इंजीनियरिंग की उत्कृष्टता का प्रमाण बताया गया।
कार्यक्रम में कोयंबटूर डिस्ट्रिक्ट स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और डिफेंस इनोवेशन एंड अटल इन्क्यूबेशन सेंटर के बीच एमओयू पर साइन हुआ। इसका उद्देश्य कोयंबटूर में डिफेंस इनोवेशन हब के माध्यम से सहयोग बढ़ाना और इंडिजिनाइजेशन इनिशिएटिव्स को तेज करना है।
आईसीजी ने ई-बुक ‘इंडियन कोस्ट गार्ड में शिपबिल्डिंग का इतिहास’, आईसीजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोडमैप और आईसीजी साइबर क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान–2025 का टीजर भी जारी किया।
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