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Himachal Pradesh: धर्मशाला में अत्याधुनिक डिजिटल फॉरेंसिक डिवीजन का उद्घाटन, जांच क्षमता में आएगा बड़ा बदलाव

Himachal Pradesh: धर्मशाला में अत्याधुनिक डिजिटल फॉरेंसिक डिवीजन का उद्घाटन, जांच क्षमता में आएगा बड़ा बदलाव

हिमाचल प्रदेश में अपराध जांच व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गुरुवार को धर्मशाला स्थित क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल उत्तरी क्षेत्र) में डिजिटल फॉरेंसिक डिवीजन और उन्नत उपकरण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रदेश की पुलिस और प्रशासनिक तंत्र से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

यह अत्याधुनिक डिजिटल फॉरेंसिक सुविधा लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई है और इसे आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों से सुसज्जित किया गया है। नए डिवीजन में लगे उच्चस्तरीय उपकरण क्षतिग्रस्त या लॉक किए गए मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइस से डाटा रिकवर करने और उसका विश्लेषण करने में सक्षम हैं। यह तकनीक साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी, संवेदनशील दस्तावेजों की जांच और विभिन्न संगीन मामलों में महत्वपूर्ण सबूत जुटाने में मददगार साबित होगी।

इसके अतिरिक्त लगभग 1.05 करोड़ रुपये की लागत से नई उन्नत प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है, जिसमें लगाए गए वैज्ञानिक उपकरणों की कुल कीमत लगभग 1.50 करोड़ रुपये है। अधिकारियों के अनुसार, यह सुविधा उत्तरी हिमाचल में फॉरेंसिक जांच की गति, पारदर्शिता और विश्वसनीयता को नई ऊंचाई प्रदान करेगी। विशेष रूप से उन मामलों में, जहां सजा सात वर्ष या उससे अधिक होती है, अपराध स्थल से मिले साक्ष्यों को सुरक्षित रखने और समय पर जांच पूरी करने में यह प्रभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने जिला कांगड़ा में 3.92 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जिला पंचायत संसाधन केंद्र (डीपीआरसी) का उद्घाटन किया तथा लगभग 2.26 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले जिला परिषद डीपीओ कर्मचारी आवास का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं ग्रामीण प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने और सरकारी सेवाओं को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाने में सहायक होंगी।

उद्घाटन समारोह में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विधायक सुरेश कुमार, मुख्य सचिव संजय गुप्ता और सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सी. पॉलरासु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में और अधिक उन्नत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे न्याय व्यवस्था और अपराध जांच प्रणाली को तेजी और मजबूती मिल सके।

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