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Baek Se-hee: 35 की उम्र में थमी जिंदगी, ‘I Want To Die But I Want To Eat Tteokbokki’ से बनाई थी पहचान

दक्षिण कोरियाई लेखिका Baek Se-hee का 35 साल की उम्र में निधन। उनकी किताब 'I Want To Die But I Want To Eat Tteokbokki' ने Gen Z में खास पहचान बनाई। जानें उनके जीवन और योगदान के बारे में।

दक्षिण कोरियाई लेखिका Baek Se-hee का 35 साल की उम्र में निधन। उनकी किताब ‘I Want To Die But I Want To Eat Tteokbokki’ ने Gen Z में खास पहचान बनाई। जानें उनके जीवन और योगदान के बारे में।

Baek Se-hee की जिंदगी और लेखनी

दक्षिण कोरिया की मशहूर लेखिका Baek Se-hee का 35 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें खासकर Gen Z के बीच बेहद पसंद किया जाता था। Baek Se-hee अपनी किताब ‘I Want To Die But I Want To Eat Tteokbokki’ के लिए जानी जाती थीं, जो उनकी जिंदगी और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जद्दोजहद को बयां करती है। उनकी सच्ची और संवेदनशील लेखन शैली ने उन्हें लेखन के क्षेत्र में अलग पहचान दिलाई।

उनकी किताब की सबसे चर्चित लाइन है, “The human heart, even when it wants to die, quite often wants at the same time to eat some tteokbokki, too,” जिसे सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है।

Baek Se-hee, Author Of 'I Want to Die but I Want to Eat Tteokbokki' Dies

ऑर्गन डोनेशन

Baek Se-hee की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन कोरियन ऑर्गन डोनेशन एजेंसी ने बताया कि उन्होंने अपने दिल, फेफड़े, लिवर और किडनी दान किए थे। इन अंगों से पांच लोगों की जान बचाई जा सकती है। उनकी बहन ने कहा कि Baek हमेशा चाहती थीं कि उनके काम के जरिए लोग जीवन से जुड़ी भावनाओं को समझें और जिंदगी से लड़ने की उम्मीद पाएं।

किताब और सफलता

2018 में आई उनकी किताब ‘I Want To Die But I Want To Eat Tteokbokki’ मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित थी और इसमें उन्होंने अपने और अपने मनोचिकित्सक के बीच हुई बातचीत का विवरण दिया। किताब में बताया गया कि डिप्रेशन के बीच भी इंसान को छोटी खुशियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

किताब को पहले कोरियन भाषा में प्रकाशित किया गया और बाद में अंग्रेजी में भी रिलीज़ किया गया। अब तक इसे 25 भाषाओं में प्रकाशित किया जा चुका है और एक मिलियन से अधिक कॉपियां बिक चुकी हैं। इसका सीक्वल ‘I Want To Die But I Still Want To Eat Tteokbokki’ 2024 में अंग्रेजी में आया।

Baek Se-hee: Baek Se-hee's cause of death: South Korean author passes away at 35 - here's what happened to her - The Economic Times

निजी जिंदगी

Baek Se-hee ने यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग की पढ़ाई की और पांच साल तक पब्लिशिंग हाउस में काम किया। लंबे समय तक वे डिस्टाइमिया और डिप्रेशन से जूझती रहीं। यही अनुभव उन्हें अपनी किताब लिखने की प्रेरणा बना।

सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि

उनकी मौत की खबर के बाद सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। लोग उनकी किताब की फोटो के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और लिख रहे हैं कि उनकी हर लाइन ने हमें सुकून दिया। भले ही Baek Se-hee अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके शब्द और उनकी सच्चाई हमेशा उनके पाठकों के दिलों में जिंदा रहेंगी।

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