अमर सैनी
नोएडा। शहर के औद्योगिक क्षेत्र इकोटेक-10 में नया विद्युत उपकेंद्र बनकर तैयार हो गया है। तकनीकी परीक्षण और चार्जिंग के बाद अगले महीने इसे शुरू कर दिया जाएगा। इससे इकोटेक-9, 10, 11, टेकजोन-2 और आसपास के गांवों को फायदा होगा। आगामी गर्मी के मौसम में लोड की समस्या दूर हो जाएगी। बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पिछले एक महीने के दौरान दो विद्युत उपकेंद्र संचालित किए गए हैं।
आपको बता दें कि पिछले गर्मी के मौसम में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में बिजली की मांग 172 मेगावाट से अधिक पहुंच गई थी। दरअसल ग्रेटर नोएडा में शहरी क्षेत्र के विस्तार और औद्योगिक विकास के कारण बिजली की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड से मिली जानकारी के अनुसार हर साल औसतन आठ से 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसे देखते हुए बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। अधिसूचित क्षेत्र के गांवों के साथ ही आवासीय व औद्योगिक सेक्टरों में बिना किसी रुकावट के बिजली की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पुराने बिजली सबस्टेशनों को अपग्रेड करने के साथ ही नए सबस्टेशनों की संख्या बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत इकोटेक-10 में बिजली सबस्टेशन का निर्माण किया गया है, जो बनकर तैयार हो गया है। यहां 63 एमवीए (मेगा वोल्ट एम्पीयर) क्षमता के दो ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) के प्रवक्ता मनोज झा ने बताया कि नवनिर्मित बिजली सबस्टेशन की तकनीकी जांच व चार्जिंग की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि अगले एक माह में यहां से आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इस सबस्टेशन से इकोटेक-9 के अलावा इकोटेक-10, 11, टेकजोन-2 और इकोटेक-1 एक्सटेंशन के कुछ हिस्सों को बिजली आपूर्ति की जाएगी। आसपास के गांवों को भी जोड़ा जाएगा। मालूम हो कि एक माह पहले ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-1 में नया बिजली सबस्टेशन शुरू किया गया था।
लगातार प्रयास जारी
एनपीसीएल वरिष्ठ उपाध्यक्ष सारनाथ गांगुली ने बताया कि उपभोक्ताओं को बिना किसी रुकावट के बिजली आपूर्ति करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के विस्तार के साथ ही बिजली की मांग बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है। संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र इकोटेक-10 में सबस्टेशन बनाया गया है। बिजली आपूर्ति के लिए मजबूत नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।