
नई दिल्ली, 8 मई : हिंद महासागर पोत ‘सागर’ यानि आईएनएस सुनयना वीरवार को कोच्चि, भारत लौट आया। यह पोत बीते एक महीने से हिंद महासागर क्षेत्र के 9 पड़ोसी देशों की यात्रा पर था जिसका मकसद क्षेत्र के अन्य देशों के साथ समुद्री बंधन, क्षमता निर्माण और स्थायी साझेदारी को मजबूत करना था। इस पोत पर भारत सहित पश्चिम अफ्रीका के 9 देशों के 44 नौसैनिक भी सवार हैं।
भारतीय नौसेना के दक्षिणी कमान के फ्लैग ऑफिसर वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास ने भारत और कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंजानिया के चालक दल के सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, आईओएस सागर मिशन का सफलतापूर्वक पूरा होना समुद्री सहयोग में एक नया अध्याय है। यह मिशन सामूहिक समुद्री हितों की रक्षा, क्षमता निर्माण और आईओआर देशों के साथ स्थायी साझेदारी के साथ ‘पसंदीदा सुरक्षा साझेदार’ के रूप में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
इस जहाज को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते 5 अप्रैल को हरी झंडी दिखाकर कारवार से रवाना किया था। इस दौरान, जहाज ने दार-एस-सलाम, नकाला, पोर्ट लुइस, पोर्ट विक्टोरिया और माले में बंदरगाहों का दौरा किया। मिशन के मुख्य आकर्षण में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास, पेशेवर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान और प्रमुख आईओआर देशों – तंजानिया, मोजाम्बिक, मॉरीशस और सेशेल्स की संयुक्त ईईजेड निगरानी शामिल थी। भारत और अफ्रीकी देशों के बीच क्षेत्रीय समुद्री सहयोग को मजबूत करते हुए, जहाज ने आईएनएस चेन्नई और आईएनएस केसरी के साथ ‘एकम अभ्यास 2025’ में भाग लिया, जिसकी संयुक्त मेजबानी भारत और तंजानिया ने की थी।