उत्तर प्रदेशराज्य

Noida: नोएडा में शुरू हुआ भारत उत्कर्ष महायज्ञ, 140 करोड़ आहुतियां से मिलेगी शांति

Noida: नोएडा में शुरू हुआ भारत उत्कर्ष महायज्ञ, 140 करोड़ आहुतियां से मिलेगी शांति

रिपोर्ट: अजीत कुमार

नोएडा के सेक्टर-110 स्थित रामलीला मैदान इन दिनों एक दिव्य आध्यात्मिक केंद्र में परिवर्तित हो चुका है, जहाँ 108-कुंडी “भारत उत्कर्ष महायज्ञ” के दूसरे दिन ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अपनी जड़ों की ओर तेज़ी से लौट रहा है। महर्षि महेश योगी संस्थान द्वारा आयोजित यह महायज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम भर नहीं, बल्कि भारत की बदलती चेतना और उभरते आध्यात्मिक पुनर्जागरण का सजीव प्रमाण बन गया है। सुबह की रुद्रहोम की मंत्रध्वनि और अग्निहोत्र की ऊर्जा ने पूरे परिसर को एक आध्यात्मिक शक्ति–केंद्र में बदल दिया, जहाँ लोग सिर्फ आहुति नहीं दे रहे थे, बल्कि शांति, प्रेम, करुणा और मानवता के उन्नयन का सामूहिक संकल्प ले रहे थे। यहाँ दूर-दूर से आए हजारों लोगों की उपस्थिति ने यह दिखाया कि आधुनिक जीवन की गति के बीच भी समाज आध्यात्मिक स्थिरता की ओर लौटने की गहरी इच्छा रखता है।

सबसे आकर्षक दृश्य युवा पीढ़ी की सहभागिता का रहा। महर्षि यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मंच पर भारत की विविध सांस्कृतिक झांकियों को प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया। यह दृश्य यह संदेश दे रहा था कि भारत की नई पीढ़ी न केवल आधुनिक शिक्षा में आगे बढ़ रही है बल्कि अपनी संस्कृति को भी पूरी गर्व के साथ आत्मसात कर रही है। उनकी प्रस्तुतियाँ इस बात का संकेत थीं कि परंपरा और प्रगति एक-दूसरे के विरोध में नहीं, बल्कि एक-दूसरे का पूरक हैं। इस आयोजन में हर सामाजिक वर्ग के लोग शामिल हुए—भंगेल बाजार, गेझा, सलारपुर, हाजीपुर जैसे इलाकों के सामान्य परिवार, विभिन्न सोसाइटियों के निवासी, संत, आचार्य, विद्यार्थी और वरिष्ठ पदाधिकारी—सभी एक ही मंच पर एक समुदाय की तरह खड़े दिखाई दिए। इसने महायज्ञ को केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं रहने दिया बल्कि इसे सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समागम का केंद्र बना दिया।

संध्या का समय मानो आत्मा की शांति का उत्सव था। बाल्मीकि रामायण पारायण, अष्टावधान सेवा और मंगलारती के दौरान पूरा वातावरण एक मौन-उत्सव की तरह लग रहा था, जहाँ आँखें देख रही थीं, कान सुन रहे थे, पर असली अनुभूति हर मन के भीतर घट रही थी। लोगों के चेहरे और उनकी सहज आंतरिक प्रसन्नता यह बता रही थी कि व्यस्त जीवन के बीच उन्हें ऐसा स्थान मिला है जहाँ आत्मा कुछ क्षणों के लिए विश्राम पा सके। इस पूरे आयोजन में सबसे बड़ी बात यह रही कि यह केवल संस्थान का कार्यक्रम नहीं रहा—यह जनता का अपना उत्सव बन गया है। लोग यहाँ दर्शक नहीं बल्कि सहभागी बनकर आए हैं, और यही सहभागिता इस महायज्ञ को विशेष बनाती है।

संस्थान के अध्यक्ष अजय प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि भारत की चेतना का पुनरुत्थान अब आश्रमों या ग्रंथों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह नगरों, मैदानों और आम लोगों के जीवन में उतर आया है। वहीं उपाध्यक्ष राहुल भारद्वाज के अनुसार भारत का उज्ज्वल भविष्य केवल विकास और प्रौद्योगिकी में नहीं, बल्कि अपनी आध्यात्मिक विरासत की पुनर्स्थापना में भी निहित है। यह महायज्ञ इस पुनर्जागरण का प्रत्यक्ष उदाहरण बनकर उभर रहा है और यह दर्शाता है कि भारत एक बार फिर अपनी आध्यात्मिक शक्ति को पहचानने और उसे दुनिया तक पहुँचाने के मार्ग पर है।

मलाइका अरोड़ा ने अर्जुन कपूर के साथ ब्रेकअप की खबरों के बीच अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक रहस्यमयी पोस्ट शेयर की, कहा ‘हममें से हर किसी के पास सिर्फ़…’

Related Articles

Back to top button