Delhi Blast: कानपुर से जम्मू के डॉक्टर मोहम्मद आरिफ हिरासत में, एटीएस की बड़ी कार्रवाई

Delhi Blast: कानपुर से जम्मू के डॉक्टर मोहम्मद आरिफ हिरासत में, एटीएस की बड़ी कार्रवाई
दिल्ली कार ब्लास्ट केस में उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) ने जम्मू-कश्मीर के रहने वाले डॉक्टर मोहम्मद आरिफ को कानपुर से हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि मोहम्मद आरिफ 32 वर्षीय डॉक्टर हैं और वर्तमान में कानपुर स्थित एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में डीएम (कार्डियोलॉजी) के पहले वर्ष के छात्र के रूप में पढ़ाई कर रहे हैं। वह अगस्त 2025 में इस संस्थान में दाखिल हुए थे और तब से अपनी ड्यूटी नियमित रूप से कर रहे थे।
संस्थान के डॉक्टर ए.के. शर्मा ने बताया कि “अगस्त 2025 में मोहम्मद आरिफ ने हमारे संस्थान में तीन वर्षीय डीएम कार्डियोलॉजी कोर्स के लिए दाखिला लिया था। उनका व्यवहार सामान्य था, और किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि उनके द्वारा कभी नहीं दिखाई दी। हालांकि, किसी व्यक्ति के स्वभाव और इरादों का चार महीनों में सही आकलन करना आसान नहीं होता।” डॉ. शर्मा ने आगे कहा कि “आरिफ अपने काम में बहुत नियमित थे, कभी अनुपस्थित नहीं रहे, और मरीजों से भी उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं आई। वे कल सुबह की ड्यूटी पूरी करने के बाद शाम को संस्थान से निकल गए थे। इसके कुछ ही समय बाद एटीएस टीम यहां पहुंची और उनसे जुड़ी जानकारी जुटाने लगी।”
सूत्रों के अनुसार, एटीएस ने दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच के तहत यह कार्रवाई की है। इस ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई कार और आरोपी के संभावित संपर्कों की जांच करते हुए एजेंसी को कानपुर स्थित इस डॉक्टर के बारे में सुराग मिला था। फिलहाल, डॉ. आरिफ से पूछताछ जारी है और एटीएस यह पता लगाने में जुटी है कि उनका इस मामले से क्या संबंध है या कहीं उन्हें किसी तरह गुमराह तो नहीं किया गया।
एटीएस सूत्रों का कहना है कि यह पूछताछ एक संवेदनशील प्रक्रिया है और फिलहाल किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। डॉक्टर मोहम्मद आरिफ का परिवार जम्मू में रहता है और उन्हें भी सूचना दे दी गई है। वहीं, कानपुर के मेडिकल समुदाय में इस खबर से हलचल मच गई है, क्योंकि आरिफ को एक अनुशासित और मेहनती डॉक्टर के रूप में जाना जाता था। मामले की गंभीरता को देखते हुए, एटीएस ने आरिफ के हॉस्टल रूम और डिजिटल उपकरणों को भी सील कर दिया है ताकि उनकी ऑनलाइन गतिविधियों और संभावित संपर्कों की गहराई से जांच की जा सके। जांच एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि कहीं किसी आतंकी संगठन या संदिग्ध नेटवर्क से उनका कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध तो नहीं है।
दिल्ली कार ब्लास्ट मामले की जांच पहले ही कई शहरों तक फैल चुकी है और एटीएस, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल तथा खुफिया एजेंसियां मिलकर इस मामले के हर पहलू को सुलझाने में जुटी हैं। आने वाले दिनों में इस केस से जुड़ी और बड़ी जानकारियां सामने आ सकती हैं।





