उत्तर प्रदेश : गढ़ गंगा कार्तिक मेला 2025 सकुशल सम्पन्न, डीएम और एसपी ने झाड़ू थामकर किया श्रमदान

Hapur News : जनपद हापुड़ में स्थित पवित्र गंगा तट पर हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाला गढ़ गंगा कार्तिक मेला 2025 सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस मेले में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। मेले के सकुशल समापन के बाद जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की, जिसमें जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय और पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह स्वयं मेला स्थल पर पहुंचे और सफाई अभियान का नेतृत्व किया। इस अभियान ने न केवल मेला क्षेत्र को स्वच्छ बनाया, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश भी दिया।
मेला स्थल पर पहुंचते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने हाथों में झाड़ू थाम ली और श्रमदान शुरू कर दिया। उनकी इस पहल से मौके पर मौजूद स्थानीय लोग, मेले में आए श्रद्धालु और प्रशासनिक अधिकारी आश्चर्यचकित रह गए। हर कोई उनकी तारीफ करने लगा। डीएम अभिषेक पांडेय ने कहा, “मेला तो संपन्न हो गया, लेकिन गंगा मां की स्वच्छता हमारी जिम्मेदारी है। यदि हम स्वयं आगे आएंगे, तो समाज भी प्रेरित होगा।” एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने जोर देकर कहा कि स्वच्छता केवल सरकारी अभियान नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्ता है। उनकी यह मुहिम देखते ही देखते एक जन आंदोलन का रूप लेने लगी।
सफाई अभियान में अन्य लोग भी उत्साहपूर्वक जुड़ गए। स्थानीय युवा, महिलाएं, बच्चे और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सदस्य हाथों में झाड़ू, फावड़े और कूड़ा उठाने वाले उपकरण लेकर मैदान में उतर आए। कुछ घंटों में ही मेला स्थल पर बिखरा कूड़ा-करकट, प्लास्टिक की बोतलें, पूजा सामग्री के अवशेष और अन्य अपशिष्ट सामग्री को इकट्ठा कर सुरक्षित रूप से निस्तारित किया जाने लगा।
बता दें कि इस वर्ष के गढ़ गंगा कार्तिक मेले में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ी थी। अनुमान के अनुसार, 35 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए यहां पहुंचे। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर सुबह से ही स्नान घाटों पर लंबी कतारें लगी रहीं। लोग दूर-दराज के गांवों, शहरों और यहां तक कि पड़ोसी राज्यों से बसों, ट्रेनों और निजी वाहनों से आकर गंगा में डुबकी लगा रहे थे। मेले में धार्मिक आयोजन, कीर्तन, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने। प्रशासन की सतर्कता से मेले में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, जिसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी और मेडिकल कैंप जैसी सुविधाएं श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहीं।
मेला समाप्ति के बाद सबसे बड़ी चुनौती थी मेला स्थल की स्वच्छता। इतनी बड़ी संख्या में आए लोगों से उत्पन्न कचरा गंगा नदी की पवित्रता को प्रभावित कर सकता था। इसलिए जिला प्रशासन ने तुरंत सफाई मुहिम शुरू की। नगर पालिका की टीमों के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों ने भी सहयोग किया। कूड़े को अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर रिसाइक्लिंग और डंपिंग की व्यवस्था की गई। विशेष रूप से प्लास्टिक कचरे पर फोकस किया गया, ताकि गंगा जल प्रदूषण मुक्त रहे। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित था, जो पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाता है।
सोशल मीडिया पर डीएम और एसपी की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां वे झाड़ू लिए सफाई करते नजर आ रहे हैं। इससे युवा पीढ़ी में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। सामाजिक संस्थाओं ने घोषणा की कि वे नियमित रूप से गंगा तटों की सफाई करेंगी। जिला प्रशासन ने मेले के दौरान उत्पन्न कचरे को पूरी तरह हटाने का लक्ष्य रखा है और आने वाले दिनों में गंगा घाटों को और अधिक स्वच्छ बनाने की योजना बनाई है।





