उत्तर प्रदेश : पराली जलाने की घटनाओं पर जिलाधिकारी ने दिखाई सख्ती, प्रदेश में पराली जलाने की सर्वाधिक घटनाएं मथुरा में

Mathura News (सौरभ) : मथुरा में पराली जलाने की घटनाओं पर जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने सख्ती दिखाई है। उन्होंने अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर भ्रमणशील रहकर पराली जलाने की घटनाओं में अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी सचिव, ग्राम प्रधान, लेखपाल आदि अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों से संवाद करें और उनसे पराली खरीदकर गौशालाओं में पहुंचाएं।
पराली को विभिन्न स्थानों से क्रय करके सीबीजी प्लांट में पहुंचाएं
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पराली को विभिन्न स्थानों से क्रय करके सीबीजी प्लांट में भी पहुंचाया जाए। इसके अलावा, जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि ट्रैक्टर के माध्यम से सभी किसानों की पराली को उनके मूल स्थान से उठाकर गौशालाओं में पहुंचाया जाए।
फसल अवशेष जलाना दंडनीय अपराध
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त कृषक भाइयों को सूचित किया है कि माननीय उच्चतम न्यायालय और माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा फसल अवशेष जलाना दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। फसल अवशेष जलाने की घटना की पुष्टि होने पर 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 5000 रुपये, 2 से 5 एकड़ क्षेत्र के लिए 10000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 30000 रुपये की प्रति घटना पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी।
किसानों से अपील
जिलाधिकारी ने समस्त कृषक भाइयों से अनुरोध किया है कि किसी भी फसल के अवशेष को खेतों में न जलाएं, बल्कि मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि हेतु पादप अवशेषों को मृदा में मिलाएं/सड़ाएं।