
पंजाब, चंडीगढ़, 31 मई:
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि विद्यार्थियों के प्रदर्शन में और सुधार लाने के लिए तथा माता-पिता और शिक्षकों के बीच समन्वय को मजबूत करने के उद्देश्य से आज पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों में मेगा माता-पिता-शिक्षक बैठक (पीटीएम) आयोजित की गई। यह पीटीएम गर्मियों की छुट्टियों से पहले पहली बार इसलिए करवाई गई, ताकि माता-पिता को उनके बच्चों की शैक्षणिक प्रगति की जानकारी दी जा सके।
स हरजोत सिंह बैंस ने आज श्री आनंदपुर साहिब हलके के विभिन्न गांवों – स्वामीपुर, बिभौर साहिब, कलसेड़ा, रामपुर साहनी, मौजेवाल, छोटेवाल, सूरेवाल, सुखसाल और कुलगड़ां – के सरकारी स्कूलों का दौरा कर शिक्षकों, विद्यार्थियों और माता-पिता से बातचीत की।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि आज की पीटीएम में 17 लाख से अधिक माता-पिता ने भाग लिया, और उन्होंने अपने बच्चों की अकादमिक प्रगति और समग्र विकास के बारे में जानकारी लेने में गहरी रुचि दिखाई।
उन्होंने कहा कि इस मेगा पीटीएम का उद्देश्य विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया और परिणामों को और बेहतर बनाना है, जिसमें माता-पिता की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है। स्कूल प्रमुखों ने माता-पिता को छुट्टियों के दौरान बच्चों के होमवर्क की जानकारी दी और यह सुनिश्चित करने की अपील की कि बच्चे अपने सभी कार्य पूरे करें।
इसके अलावा, उन्हें 15 जुलाई 2025 को होने वाले द्विमासिक टेस्ट के सिलेबस की जानकारी भी दी गई। कक्षा तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों और उनके माता-पिता को ‘मिशन समर्थ’ के अंतर्गत तैयार किए गए वीडियो व्याख्यानों और अभ्यास प्रश्नों के बारे में भी जानकारी दी गई, जो छुट्टियों के दौरान निरंतर अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिए बनाए गए हैं।
शिक्षा मंत्री श्री बैंस ने बताया कि सरकारी स्कूलों में सीखने के अनुकूल वातावरण को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा विभाग की प्रतिबद्धता के तहत यह पीटीएम स्कूल और घर के बीच संबंधों को और मजबूत बनाएगी, जिससे विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को प्रोत्साहित करने के प्रयास के तहत सरकारी स्कूलों में विश्व पर्यावरण दिवस 2025 भी मनाया गया, जिसकी थीम “विश्व स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” रही। मेगा पीटीएम के साथ-साथ 19,000 से अधिक सरकारी स्कूलों ने वृक्षारोपण अभियान, कपड़े के बैग सिलाई की प्रदर्शनी, बैग वितरण, और पोषण बाग लगाने जैसी गतिविधियों में भाग लिया। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण-अनुकूल आदतों को बढ़ावा देना, प्लास्टिक के उपयोग को कम करना और विद्यार्थियों में टिकाऊ जीवनशैली के प्रति जागरूकता पैदा करना है, ताकि एक हरा-भरा और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
श्री बैंस ने बताया कि कक्षा 6वीं से 10वीं तक के विद्यार्थियों में अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘बस्ता-रहित दिवस’ मनाया गया, जिसके दौरान स्कूलों में हस्तकला, खेल और कला संबंधी प्रदर्शनियों सहित विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। यह पहल शिक्षा विभाग की विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षा और माता-पिता की भागीदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो समग्र शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।