
नई दिल्ली, 19 मार्च : मरीजों को एक बेहतरीन उपचार प्रक्रिया का लाभ प्रदान करने के लिए बुधवार को लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) में एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया।
इस सत्र का उद्देश्य स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट वर्कफ्लो ( एसटीडब्ल्यू) के माध्यम से आवश्यक दवाओं और निदान के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देकर अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए समान मानकों को सुनिश्चित करना है। प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ अतुल गोयल ने किया। उनके साथ अतिरिक्त डीजी डॉ सुनीता शर्मा, एलएचएमसी निदेशक डॉ सरिता बेरी और उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ बनारसी मौजूद रहे। इस दौरान करीब 300 डॉक्टरों को एसटीडब्ल्यू दस्तावेज से अवगत कराया गया ताकि मरीजों को देशभर के अस्पतालों में मानक प्रक्रिया के तहत उपचार मिल सके।
इस अवसर पर डॉ सरिता बेरी ने कहा, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मानक उपचार कार्यप्रवाह (एसटीडब्ल्यू) के नाम से एक दस्तावेज विकसित किया है। जिसमें साक्ष्य-आधारित दिशानिर्देश या प्रोटोकॉल हैं, जो स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की सहायता के लिए तैयार किए गए हैं ताकि वे मरीजों को उच्च-गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान कर सकें। उन्होंने बताया, एसटीडब्ल्यू एक पेज का दस्तावेज है जिसमें मुख्य सांकेतिक क्रियाएं होती हैं।
एसटीडब्ल्यू में त्वचा रोग, प्रसवोत्तर रक्तस्राव, नाक कान गला रोग सहित 28 विशेषज्ञताओं में 150 से अधिक मानक उपचार की वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध हैं, ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों में चिकित्सकों को दस्तावेज तक पहुंचने में मदद मिल सके। यह आईसीएमआर की वेबसाइट पर वेब लिंक और एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उपलब्ध है। इन्हें एंड्रॉयड के साथ-साथ आईओएस प्लेटफॉर्म वाले मोबाइल फ़ोन पर क्यूआर कोड और कंप्यूटर पर वेबलिंक के जरिये डाउनलोड किया जा सकता है।
मानक उपचार वर्कफ्लो के बारे में
डॉ बनारसी ने कहा, इन एसटीडब्ल्यू की एक बड़ी उपयोगिता भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए देखभाल के समान मानकों को विकसित करने में निहित है। इनसे प्रभावी प्रबंधन में मदद मिलेगी और आवश्यक दवाओं, आवश्यक निदान और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इन्हें भारत भर के राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है, जिनके पास भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की व्यवहार्यता संबंधी विचारों के साथ सैकड़ों रोगियों की देखभाल का संचयी अनुभव है।
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