
नई दिल्ली, 5 मार्च: मोटे होने या सामान्य से अधिक वजन होने के चलते परेशान लोगों की सेहत के लिए ‘मोटापा’ खतरा बनकर उभर रहा है। यह ना सिर्फ डायबिटीज, हाई बीपी, हार्ट की बीमारी और प्रजनन संबंधी दोषों का कारण बन रहा है। बल्कि कई प्रकार के कैंसर की वजह भी बन रहा है।
विश्व मोटापा दिवस पर एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने बताया कि मोटापा, देश में तेज गति के साथ बढ़ रहा है। इसकी तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आगामी 2050 तक देश की लगभग 60% आबादी मोटापे या अत्यधिक वजन की समस्याओं से ग्रस्त होगी। जिसके चलते अमेरिका और चीन के बाद मोटे लोगों की सबसे बड़ी आबादी भारत में होगी। मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ नवल किशोर विक्रम ने कहा कि मोटापा कोई रोग नहीं। बल्कि खराब जीवनशैली और अनुचित खान -पान की समस्या है जिसे 100 प्रतिशत रोका जा सकता है।
डॉ नवल ने कहा कि मोटापे को गंभीरता से लेने का समय आ गया है। क्योंकि देश में हर आयु वर्ग और सामाजिक -आर्थिक स्तर पर इसका असर तेजी से बढ़ रहा है। सबसे पहले अपने बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स), वजन और लंबाई के साथ कमर की परिधि और पेट की चर्बी को मापें। चूंकि केवल वजन और लंबाई से मोटापे का सही अंदाजा नहीं लगता। खाने में फैट, चीनी, नमक से भरपूर चीजों से परहेज करें जो आमतौर पर प्रोसेस्ड फूड में ज्यादा पाए जाते है। बाजार की अपेक्षा घर में बना खाना ही खाएं। इसके अलावा रोज इस्तेमाल होने वाले तेल की मात्रा को धीरे-धीरे कम करें।
कैसे मापें मोटापा ?
पहले कमर का माप लें। इससे पेट के आसपास की चर्बी का पता चलता है। पुरूषों के लिए 90 सेंटीमीटर से कम और महिलाओं के लिए 80 सेंटीमीटर से कम कमर का माप ठीक माना जाता है। फिर शरीर में चर्बी की मात्रा देखें। यह बताता है कि आपके शरीर में कितनी चर्बी है। डीईएक्सए स्कैन या स्किनफोल्ड कैपिलर्स से इसे नापा जा सकता है। फिर पेट के अंदर की चर्बी नापें। ये वो चर्बी है जो पेट के अंदर अंगों के आस-पास जमा होती है। ये हार्ट की बीमारी, डायबिटिज और सूजन का खतरा बढ़ाती है। इसे एमआईआई या सीटी स्कैन से नापा जा सकता है। यानि सिर्फ बीएमआई और लंबाई के आधार पर मोटापे का आकलन न करें। अगर आप मोटापे को मापने के उक्त तरीकों का इस्तेमाल करेंगे तो सेहत का सही हाल जान पाएंगे।
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