
नई दिल्ली, 27 जुलाई: राष्ट्रीय राजधानी में किडनी रोगों से पीड़ित मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने छह अस्पतालों को 150 नई मशीनें उपलब्ध कराई हैं। इससे जहां अंतिम चरण के किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को डायलिसिस की निशुल्क सुविधा मिल सकेगी। वहीं, लागत के कारण उपचार से वंचित मरीजों की जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हो सकेगी।
दरअसल, दिल्ली सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में मजबूती लाने के प्रयास कर रही है ताकि डायलिसिस की जरुरत वाले मरीजों का उपचार लागत की चिंता के बिना सुनिश्चित किया जा सके। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने अपनी सार्वजनिक-निजी भागीदारी डायलिसिस परियोजना के तहत छह सरकारी अस्पतालों में 150 हीमोडायलिसिस मशीनें जोड़ी हैं। इनमें बुराड़ी अस्पताल को सर्वाधिक 55 मशीने मिली हैं। जनकपुरी सुपरस्पेशलिटी को 45, अंबेडकर नगर अस्पताल को 25, डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल और जग प्रवेश चंद्र अस्पताल को 10-10, संजय गांधी स्मारक अस्पताल को 05 डायलिसिस मशीनें मिली हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएमएनडीपी) के तहत बीते जनवरी तक पीपीपी मॉडल के तहत 10 अस्पतालों में 150 मशीनों को स्थापित किया है। दिल्ली में अब 60 पीपीपी के माध्यम से 16 सरकारी अस्पतालों में 300 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों के प्रतीक्षा समय में कमी आई है और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार हुआ है। चूंकि सरकार का लक्ष्य मुफ्त डायलिसिस सेवाओं का विस्तार जारी रखना है।
एक अनुमान के मुताबिक शहर में वर्तमान में 2,400-2,600 लोग डायलिसिस करवाते हैं। जबकि 4% से अधिक दिल्ली वालों की किडनी में समस्या है और लगभग 6% लोगों की किडनी में खराबी होने के लक्षण पाए जाते हैं। हालांकि, देश भर में 1,350 पीएमएनडीपी केंद्र 17 लाख मरीजों की सेवा कर रहे हैं, फिर भी निजी और पीपीपी मॉडल के तहत दिल्ली में डायलिसिस देखभाल सुविधा में वृद्धि वक्त की जरुरत है।
क्यों होती है डायलिसिस की जरुरत ?
डायलिसिस की जरुरत तब होती है जब व्यक्ति के गुर्दे ठीक से काम करना बंद कर देते हैं और शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थों को निकालने में असमर्थ हो जाते हैं। यह स्थिति आमतौर पर तीन प्रमुख कारणों से उत्पन्न होती है। पहली, गुर्दे की विफलता: जब गुर्दे 85-90% तक काम करना बंद कर देते हैं, तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थों का संचय होने लगता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। दूसरी, क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी): यह एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें गुर्दे धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होते जाते हैं और रक्त को ठीक से शुद्ध नहीं कर पाते हैं। तीसरी, तीव्र किडनी चोट (एकेआई): यह गुर्दे की अचानक और अस्थायी विफलता है, जो किसी बीमारी, चोट या दवा के कारण हो सकती है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड या वार्षिक पारिवारिक आय ₹3,00,000 से कम और दिल्ली में 3 साल का निवास प्रमाण रखने वाले रोगी निम्नलिखित अस्पतालों में डायलिसिस का लाभ उठा सकते हैं।
लोक नायक
डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान
राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
अंबेडकर नगर
जग प्रवेश चंद्र
संजय गांधी स्मारक
डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर
बुराड़ी अस्पताल
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड या ₹1,00,000 वार्षिक से कम पारिवारिक आय वाले मरीज निम्नलिखित अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
दीन दयाल उपाध्याय
महर्षि वाल्मीकि
दीप चंद बंधु
भगवान महावीर
इंदिरा गांधी
गुरु गोविंद सिंह
पंडित मदन मोहन मालवीय
2024 के एक अध्ययन से पता चलता है कि इस क्षेत्र में लगभग 14,000 रोगी डायलिसिस करवाते हैं।
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