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नई दिल्ली: छात्रों को आत्महत्या करने से रोकने में मदद करेगा ‘नेवर अलोन’ ऐप 

नई दिल्ली: -एम्स दिल्ली ने जीसीआईएच और एमएचएफआई संग विकसित किया विशेष ऐप

नई दिल्ली, 10 सितम्बर : जब भी आप भावनात्मक रूप से घुटन महसूस करें, शारीरिक रूप से थका हुआ, सामाजिक रूप से अलग-थलग और मानसिक रूप से अनिर्णायक महसूस करें तो ‘नेवर अलोन’ मोबाइल ऐप से जुड़ें। इस ऐप से एम्स दिल्ली, एम्स भुवनेश्वर और इहबास शाहदरा के मनोचिकित्सकों, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों और काउंसलरों को जोड़ा गया है जो उपयोगकर्ता को 24 घंटे सात दिन व्हाट्सऐप्प पर अपनी विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करेंगे।

एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार ने कहा, अकेलापन व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन है। यह मानव मन की एक ऐसी भावना है जो उसे ना सिर्फ समाज से अलग- थलग कर देती है। बल्कि आत्महत्या करने तक के लिए उकसाती है। ऐसे में भावनात्मक और मानसिक संकट से जूझ रहे लोगों के लिए एम्स दिल्ली ने नेवर अलोन ऐप विकसित किया है जो तनाव, चिंता, अवसाद और अकेलेपन जैसे मनोविकार से पीड़ित लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करेगा। साथ ही भावनात्मक संकट और आवेग से उबरने में मदद करेगा। वह विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर बोल रहे थे।

डॉ. कुमार ने कहा, अक्सर आत्महत्या का निर्णय अचानक संकट की स्थिति से उत्पन्न आवेग में लिया जाता है। खासकर तब, जब व्यक्ति आर्थिक समस्या, रिश्तों में तनाव, नशे की लत या किसी गंभीर बीमारी जैसी परेशानियों से जूझ रहा होता है। उन्होंने बताया, नेवर अलोन ऐप की विशेषज्ञ सेवाएं शुरुआत में छात्रों को मुहैया कराई जाएंगी। बाद में सभी आयु वर्ग के लोगों को जोड़ा जाएगा। फिलहाल, इस ऐप का ट्रायल एम्स दिल्ली, एम्स भुवनेश्वर और इहबास शाहदरा में अध्ययनरत छात्रों के बीच किया जा रहा है। अगले एक महीने में इसे देश के तमाम सरकारी शिक्षण संस्थानों में निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं, पांच हजार छात्र क्षमता वाले निजी संस्थानों को इस ऐप की सुविधा 70 पैसे प्रतिदिन प्रति छात्र के हिसाब से मुहैया कराई जाएगी।

इस ऐप (नेवर अलोन) को एचआई (मानव अंतर्दृष्टि), एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और एचए (मानव स्नेह) के साथ मिश्रण करके विकसित किया गया है, जिसमें एम्स दिल्ली के साथ जीसीआईएच और एमएचएफआई ने योगदान दिया है। वह ऐप विभिन्न मानसिक कारणों से परेशान लोगों के मन की बात सुनेगा। समस्याओं का समाधान करेगा। साथ ही ऐप उपयोगकर्ता के बहुमूल्य जीवन की रक्षा करेगा। यानि इस ऐप के जरिये ऐसे लोगों को आत्महत्या करने से रोका जा सकेगा जो अपनी तमाम समस्याओं के समाधान के तौर पर ना सिर्फ आत्महत्या को चुनते हैं। बल्कि अनुचित प्रयास भी करते हैं।

आत्महत्या करने वालों में 32% युवा छात्र
डॉ. नंद कुमार के मुताबिक भारत में, एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2022 में लगभग 1. 71 लाख लोग आत्महत्या से मारे गए, जो बीते 56 वर्षों में दर्ज की गई सबसे ज्यादा दर है। इनमें 18-30 वर्ष आयु के युवा वयस्कों या छात्रों की संख्या लगभग 35% और 30 से 45 वर्ष की आयु के वयस्कों की संख्या 32% थी। दुर्भाग्य से, छात्र आत्महत्या भारत सहित दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बना हुआ है जिसके चलते देश प्रतिवर्ष हजारों प्रतिभाशाली युवाओं को खो देता है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या सभी देशों में प्रचलित है और इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।

कैसे करें मोबाइल ऐप का इस्तेमाल ?
इस ऐप को यूज करने के लिए गूगल पर नेवर अलोन डॉट इन सर्च करें और उस पर क्लिक करें। आपके सामने एक क्यूआर कोड आएगा। उसे मोबाइल फोन से स्कैन करते ही आप सीधे व्हाट्सऐप पर पहुंच जाएंगे। वहां नेवर अलोन नाम से एक व्हाट्सऐप चैट खुलेगी। उसमें आपको हाय! लिखने के बाद अपना नाम, उम्र व बाकी जानकारी देनी होगी। इसके बाद आप अपनी मानसिक समस्या लिखकर साझा कर सकेंगे। ऐप आपकी समस्या से जुड़े कुछ आसान सवाल पूछेगा। इसके बाद आपकी समस्या और जरूरत के मुताबिक आपको संबंधित डॉक्टर से कनेक्ट किया जाएगा। जो आपकी हर मानसिक समस्या को सहृदयता के साथ सुनेंगे और आपको गाइड करेंगे। जरुरत पड़ने पर ओपीडी में बुलाएंगे। ये सारी प्रक्रिया पूर्णतया गुप्त रहेगी जिससे रोगी की निजता को सुरक्षित रखा जा सकेगा।

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