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children eye health: टैब और मोबाइल की स्क्रीन बढ़ा रही नेत्र रोग, दिल्ली के 20% बच्चों की आंखें कमजोर

Children Eye Health: टैब और मोबाइल की स्क्रीन बढ़ा रही नेत्र रोग, दिल्ली के 20% बच्चों की आंखें कमजोर

बच्चों को टैब नहीं, लैपटॉप या डेस्कटॉप दें
एम्स दिल्ली के डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र का कहना है कि टैबलेट कंप्यूटर और मोबाइल फोन बच्चों की आंखों की रोशनी छीन रहे हैं। इसके चलते राजधानी दिल्ली ही नहीं, ग्रामीण भारत में भी बच्चों में नेत्र रोगों की संख्या बढ़ रही है।

मोबाइल और टैब पर अधिक समय, आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव
एम्स के आरपी सेंटर के डॉ. रोहित सक्सेना के अनुसार तकनीक और डिजिटल साधनों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण बच्चे अब मनोरंजन से लेकर पढ़ाई तक मोबाइल और टैब का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका अधिकांश समय फोन या टैब पर बीत रहा है। यहां तक कि दो साल के छोटे बच्चों के पास भी मोबाइल फोन होता है। डॉ. सक्सेना ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे 5 साल से छोटे बच्चों को मोबाइल फोन बिल्कुल न दें।

स्क्रीन की दूरी महत्वपूर्ण
डॉ. सक्सेना ने बताया कि पहले बच्चे टीवी देखते थे और कम से कम 6 फीट की दूरी रखते थे। अब बच्चे मोबाइल या टैब की स्क्रीन को केवल 6 से 8 इंच की दूरी से देखते हैं। इसके कारण स्क्रीन से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें आंखों को कमजोर कर रही हैं।

सुझाव: कंप्यूटर स्क्रीन का सुरक्षित इस्तेमाल
यदि बच्चों को पढ़ाई के लिए डिजिटल स्क्रीन की आवश्यकता है, तो उन्हें टैब या मोबाइल की बजाय लैपटॉप या डेस्कटॉप दें। इसके साथ ही उन्हें स्क्रीन से कम से कम 1 से 1.5 फुट की दूरी बनाकर उपयोग करने के लिए कहें। यह उपाय बच्चों की आंखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकता है।

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