बिहार

Bihar Election 2025: निर्णय की प्रतीक्षा, बिहार चुनाव और बदलाव का संदेश

Bihar Election 2025: निर्णय की प्रतीक्षा, बिहार चुनाव और बदलाव का संदेश
डॉ. अनिल सिंह, संपादक – STAR Views एवं एडिटोरियल एडवाइज़र, Top Story

बिहार इस समय अपनी राजनीतिक यात्रा के एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। दो चरणों में सम्पन्न विधानसभा चुनावों ने पूरे राज्य में लोकतंत्र के प्रति अभूतपूर्व उत्साह और सहभागिता को दिखाया है। अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब यह तय होगा कि सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

एग्जिट पोल्स का रुझान और सियासी तापमान
मतदान समाप्त होते ही एग्जिट पोल्स की बाढ़ आ गई। ज्यादातर सर्वेक्षणों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत के साथ जीत का अनुमान जताया गया है। मैटराइज-IANS, पीपुल पल्स, पीपुल्स इनसाइट, चाणक्य, पोलस्ट्रेट, जेवीसी पोल्स और दैनिक भास्कर के सर्वे में एनडीए को लगभग 145 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि महागठबंधन को करीब 91 और अन्य को 5 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि Journo Mirror के पोल में तस्वीर उलटी दिखाई दे रही है, जिसमें महागठबंधन को बढ़त मिलती दिखी। इन आंकड़ों से एनडीए खेमे में उत्साह है, जबकि विपक्ष ने इन सर्वेक्षणों को सिरे से खारिज किया है।

जनता का फैसला और नई दिशा की उम्मीद
राज्य के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी केंद्रों तक लोगों ने खुलकर मतदान किया। युवा वर्ग और पहली बार वोट डालने वालों में जोश देखने लायक था। इस बार के चुनाव में जातीय समीकरणों से अधिक विकास, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दे केंद्र में रहे। जनता अब उस बदलाव की राह देख रही है जो बिहार को नई दिशा दे सके। मतगणना की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं और सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त कर दी गई है। बिहार का यह चुनाव न सिर्फ सत्ता परिवर्तन की कहानी लिख सकता है बल्कि यह भी दिखा सकता है कि मतदाता अब सिर्फ वादों पर नहीं, काम पर वोट देता है।

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