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नई दिल्ली: विज्ञान व प्रौद्योगिकी को खेलों के साथ किया जाएगा एकीकृत

नई दिल्ली: -भारत में खेल विज्ञान और नवाचार के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए साई ने आईआईटी दिल्ली संग किया करार

नई दिल्ली, 10 सितम्बर : भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय खेल विज्ञान अनुसंधान केंद्र ने मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के साथ एक करार किया है। इसके तहत भारतीय एथलीटों को सशक्त बनाने के साथ उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्चतम स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में चुनौती देने के लिए तैयार किया जाएगा।

यह करार भारत सरकार के ‘गर्व से स्वदेशी’ अभियान के अनुरूप अंतर-संस्थागत समन्वय को बढ़ावा देगा और स्वदेशी खेल उपकरणों, खेल विज्ञान उपकरणों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके तहत आयातित उपकरणों पर निर्भरता कम करके, घरेलू समाधानों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा। इस करार पर एसएआई की ओर से एनसीसीएसआर के निदेशक-सह-प्रमुख ब्रिगेडियर (डॉ.) बिभु कल्याण नायक और आईआईटी दिल्ली के डीन प्रो. अश्विनी के. अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान खेल मंत्रालय के खेल सचिव हरि रंजन राव और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी मौजूद रहे।

खिलाड़ियों के लिए बायोमैकेनिक्स प्रयोगशाला का उद्घाटन
इस दौरान आईआईटी दिल्ली में नव-स्थापित बायोमैकेनिक्स प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया। यह सुविधा उन्नत खेल विज्ञान आकलन और बायोमैकेनिकल अनुसंधान करने के लिए सुसज्जित है। यह प्रयोगशाला एथलीटों की गतिविधियों में वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि प्रदान करने, प्रदर्शन को अनुकूलित करने और चोटों के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस प्रयोगशाला का उद्देश्य भारत के खेल विज्ञान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और सक्षम और पैरा एथलीटों, दोनों का समर्थन करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देना है, जो समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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